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How to Meditate Daily

An useful Post written by  Leo Babauta . The habit of meditation is one of the most powerful things I’ve ever learned. Amazingly, it’s also one of the most simple habits to do — you can do it anywhere, any time, and it will always have immediate benefits. How many habits can you say that about? While many people think of meditation as something you might do with a teacher, in a Zen Center, it can be as simple as paying attention to your breath while sitting in your car or on the train, or while sitting at the coffee shop or in your office, or while walking or showering. It can take just one or two minutes if you’re busy. There’s no excuse for not doing it, when you simplify the meditation habit. Why Meditate? Why create a small daily meditation practice? There are countless reasons, but here are some of my favorite: It relieves stress and helps you to relax. When you practice mindfulness, you can carry it out to everyday life. Mindfulness helps you to savor lif...

The Artist : Best movie at 84th Oscar awards::))Congrats...

चाणक्य की सीख

चाणक्य एक जंगल में झोपड़ी बनाकर रहते थे। वहां अनेक लोग उनसे परामर्श और ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे। जिस जंगल में वह रहते थे, वह पत्थरों और कंटीली झाडि़यों से भरा था। चूंकि उस समय प्राय: नंगे पैर रहने का ही चलन था, इसलिए उनके निवास तक पहुंचने में लोगों को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता था। वहां पहुंचते-पहुंचते लोगों के पांव लहूलुहान हो जाते थे। एक दिन कुछ लोग उस मार्ग से बेहद परेशानियों का सामना कर चाणक्य तक पहुंचे। एक व्यक्ति उनसे निवेदन करते हुए बोला, ‘आपके पास पहुंचने में हम लोगों को बहुत कष्ट हुआ। आप महाराज से कहकर यहां की जमीन को चमड़े से ढकवाने की व्यवस्था करा दें। इससे लोगों को आराम होगा।’ उसकी बात सुनकर चाणक्य मुस्कराते हुए बोले, ‘महाशय, केवल यहीं चमड़ा बिछाने से समस्या हल नहीं होगी। कंटीले व पथरीले पथ तो इस विश्व में अनगिनत हैं। ऐसे में पूरे विश्व में चमड़ा बिछवाना तो असंभव है। हां, यदि आप लोग चमड़े द्वारा अपने पैरों को सुरक्षित कर लें तो अवश्य ही पथरीले पथ व कंटीली झाडि़यों के प्रकोप से बच सकते हैं।’ वह व्यक्ति सिर झुकाकर बोला, ‘हां गुरुजी, मैं अब ऐसा ही करूंगा।’ इसके बा...

जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है

लड़ाई में एक बार एक राजा का अंगूठा कट गया. उसे बड़ा सदमा लगा. उसके महामंत्री ने उसे समझाते हुए कहा की जाने दीजिये महाराज जो भी होता है अच्छे केलिए होता है. राजा को गुस्सा आ गया. उसने गुस्से में मंत्री को जेल में डाल दिया. कुछ दिनों के बाद राजा शिकार पर निकला. घने जंगले में वह अपने काफिले से भटक गया. जंगल के आदिवासियों ने उसे पकड़ लिया. आधिवासियों को अपने देवता को नरबली देने केलिए एक इंसान की जरूरत थी सो उन्होंने राजा की बलि देना निश्चित किया. जब वे राजा को बलि देने केलिए ले जा रहे थे तो उनकी नज़र राजा के कटे अंगूठे पर पड़ी. उन्होंने यह देखकर राजा को छोड़ दिया. क्योंकि किसी अंगभंग मनुष्य की बलि नहीं दी जा सकती थी. राजा को अपने मंत्री की बात याद आई. वापस लौटकर उसने मंत्री को छोड़ दिया. राजा ने रिहा होने के बाद मंत्री से पूछा की अंगूठा काटकर मेरे साथ तो अच्छा हो गया मेरी जान बच गई. पर मैंने तुमे जेल में दाल दिया, यातनाएं दी इससे तुम्हारे साथ क्या अच्छा हुआ. तब मंत्री ने कहा महाराज जेल जाने से मेरी भी जान बच गयी. राजा ने पूछा कैसे तो मंत्री ने विस्तार से बताया देखिये महाराज मैं...

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