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Showing posts from August, 2017

सृजन घोटाला : 11 सवाल जो नीतीश कुमार से लालू ने पूछे थे, जनता को भी जवाब मिल जाता इन सवालों का तो कितना अच्छा होता !

1- 25 जुलाई, 2013 को संजीत कुमार नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री बिहार को सृजन महिला बैंक चलाने और करोड़ों के गबन संबंधित जानकारी देते हुए एक विस्तृत पत्र लिखा था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश ने उसपर कोई कार्यवाही नहीं करके घोटाला करने वालों को बचाया ही नहीं, अपितु उन्हें सरकारी खजाना लूटने के लिए प्रोत्साहित किया. 2- 9 सितंबर, 2013 को रिजर्व बैंक ने, बिहार सरकार को पत्र लिखकर सृजन समिति में हो रहे घोटाले और वित्तीय अनियमितता की जांच करने को कहा था. रिजर्व बैंक ने को-अॉपरेटिव रजिस्ट्रार को भी कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने उसपर भी कोई कार्रवाई नहीं की. मुख्यमंत्री ने रिजर्व बैंक के संदेह को भी दरकिनार करते हुए लगातार घोटालेबाजों का सहयोग किया. 3- 2013 में तत्कालीन डीएम ने सृजन मामले में शिकायत मिलने पर जांच का आदेश दिया था, लेकिन जांच रिपोर्ट आज तक नहीं आई. नीतीश बताएं उस जांच रिपोर्ट को क्यों दबाया गया? उस जांच रिपोर्ट को दबाकर किसे फायदा पहुंचाया गया? 4- 2013 में सृजन घोटाले में जांच का अादेश देने वाले जिलाधिकारी का मुख्यमंत्री ने त

Laws related to Media and Journalism personal's in India

Constitution of India Article 19(1)(a) read with Article 19(2) (Freedom of speech and expression) Article 361-A (Protection of publication of proceedings of parliament and State Legislature) Article 105 and 104 (Parliament and legislatures Privileges) Article 21 (Individual’s Right to Privacy emanating from Fundamental Right to life and liberty guaranteed to citizens of India Press Laws/Acts Indecent Representation of Women (Prohibition) Act, 1986 Punjab Special Power (Press) Act, 1956 The Press and Registration of Books Act, 1867 The Dramatic Performances Act, 1876 The Indian Telegraph Act, 1898  The (Indian) Post Office Act, 1898 The Police (Incitement of Disaffection) Act, 1922 Official Secrets Act,1923 (Act No. 1923) The Emblems and name (Prevention of Improper Use) Act, 1950 Representation of the People, Act, 1951 The Delivery of Books and Newspapers (Public Libraries) Ac

निजता का अधिकार : अपने ही बुने जाल में फँस गयी सरकार !

 - कुमार विवेक  साल था २०१५, सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच के सामने एक बहस चल रही थी. मामला था ज्यादातर सरकारी योजनाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य बनाये जाने का.  आधार को कानूनी तौर पर लागू करने की कोशिश कर रही भारत सरकार के वकीलों ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि , "हो सकता है कि आधार लोगों की निजता में दखल देता हो, पर क्या निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है? इस तर्क के साथ निजता के अधिकार की मौलिकता पर ही सवाल खड़े कर दिए गए.  तीन जजों की पीठ ने वकीलों की दलील  मान ली और इस मामले को फैसला देने केलिए संवैधानिक पीठ के हवाले कर दिया.  इस संवैधानिक पीठ में मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर, जस्टिस जे. चेलमेश्वर, जस्टिस एस.ए. बोबडे, जस्टिस आर.के. अग्रवाल, जस्टिस आर.एफ़. नरीमन, जस्टिस ए.एम. सप्रे, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर शामिल थे. इसी संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए अब यह मान लिया है कि निजता का अधिकार एक मौलिक है. सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति कि  निजता को संविधान के अनुच्छेद २१ के तहत दिए गए जीने के अधिक

बिहार में बाढ़ से मरने वालों की संख्या ३४१ तक पहुंची

बिहार में बाढ़  से मरने वालों की संख्या ३४१ तक पहुँच गयी है.  अभी भी १८ जिलों के  १.४६ करोड़ लोग बढ़ की चपेट में हैं. ७.६१ लाख लोगों को राहतकर्मिओं द्वारा सुरक्ष्क्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जिन इलाकों में पानी काम हुआ है वह लोग अपने घरों की और लौटने लगे हैं.  इस बीच, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर बताया है कि  २६ अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूबे के बढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वे करेंगे। मंगलवार को नयी दिल्ली में भाजपा शाषित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्रिओं के बैठक ने सभी भाजपा शाषित राज्यों से इस आपदा की घडी में बिहार की मदद करने की अपील की है.  आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव अनिरुद्ध कुमार के अनुसार सूबे में चलाये जा रहे १०८५ राहत कम्पों में तकरीबन २.२९ लाख लोगों को हर संभव सहायता पहुचायी जा रही है.  उनके अनुसार सिर्फ अररिया जिले में भीषण बाढ़ के कारण ७५ लोगों की जाने गईं हैं. वहीँ सीतामढ़ी में ३६, पश्चिमी चम्पारण में ३६, कटिहार में २६, किशनगंज में २३, मधुबनी में २३, पूर्वी चम्पारण, दरभंगा और मधेपुरा में १९-१९  लोगों की मौत बाढ़

भारतवंशी विश्‍व की अनोखी धरोहर

* प्रगित परमेश्‍वरन 1990 में जब सद्दाम हुसैन की ईराकी सेनाओं ने कुवैत पर हमला किया तो मुतुन्नि मैथ्‍यूज ने , जिन्‍हें टोयोटा सनी के नाम से अधिक पहचाना जाता है , मसीहा मैथ्‍यूज बनकर वहां फंसे भारतीयों की जीवन रक्षा की. सनी ने जैसा अनोखा कार्य किया उससे कुवैत युद्ध में फंसे 1 , 70 , 000 हजार भारतीयों को 488 उड़ानों के जरिए भारत लाने में बड़ी मदद मिली. 2017 का साल भारतवंशियों के लिए सबसे बड़े नुकसान का साल कहा जा सकता है क्‍योंकि इसमें एक बॉलीवुड फिल्‍म के प्रेरणा स्रोत रहे टोयोटा सनी इस दुनिया से चल बसे. लेकिन ऐसे कई प्रवासी भारतीय (एनआरआई) हैं जिन्‍होंने राष्‍ट्र के इतिहास के विभिन्‍न कालखंडों में भारत को गौरवान्वित किया है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से लेकर नोबेल पुरस्‍कार विजेता वैज्ञानिक हर‍गोविंद खुराना तक और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्‍या नडेला तथा जानेमाने संगीत निर्देशक जुबिन मेहता जैसे प्रवासी भारतीयों की सूची बड़ी लंबी है और विश्‍व के प्रति उनके अवदान भी अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण है. आज हमें जी

RERA से होगा रियल एस्टेट और आवास के क्षेत्र में बदलाव का रास्ता साफ

रीअल एस्‍टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम-रेरा अचल संपत्ति के क्षेत्र में सुधार और विनियमन स्‍वतंत्रता के 70 वर्ष                                                    विनोद बहल अचल संपत्ति से संबंधित कानून (रेरा) को अधिसूचित करने के लिए राज्‍यों को दी गयी तीन महीने की मोहलत जुलाई में खत्‍म होने के साथ ही देश में रीअल एस्‍टेट और आवास क्षेत्र में बदलाव का रास्‍ता साफ हो गया है। यह मोहलत ऐसी परियोजनाओं की वजह से दी गयी थी जिनका निर्माण कार्य चल रहा है और अब मोहलत की अवधि बीत जाने पर अचल संपत्ति और आवास क्षेत्र के परिपक्‍व , पेशेवर , संगठित और पारदर्शी तरीके से काम करने वाले क्षेत्र के रूप में उभर कर सामने आने की संभावना है जिससे सभी सम्‍बद्ध पक्षों को फायदा होगा। केन्‍द्र सरकार ने एक युगांतरकारी कदम उठाते हुए अचल संपत्तियों और आवास के बारे में रीअल एस्‍टेट विनियमन और विकास अधिनियम (रेरा) के रूप में रीअल एस्‍टेट क्षेत्र को 1 मई , 2016 से पहला विनियामक दिया। केन्‍द्रीय आवास और शहर

बिहार बाढ़ : ७५ गावों तक सेना पहुंची, हज़ारों लोगों को बचाया

बिहार में बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित मधुबनी,सीतामढ़ी,गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिलो में नागरिक प्रशासन के अनुरोध पर सेना को बचाव और राहत अभियान के लिए तैनात किया गया है। सेना के जवान दूर-दराज के इलाको में बाढ़ में फंसे नागरिको को बचाने के साथ-साथ राहत सामग्री प्रदान करने के कार्य में लगातार जुटे हैं।   अंतिम समाचार मिलने तक सेना के जवान 75 गांवो तक पहुंचने में सफल रहे और उन्होंने एक हजार से अधिक लोगो को सुरक्षित बचाया। इसके साथ-साथ सेना ने इन क्षेत्रो में खाद्य और बचाव तथा राहत सामग्री का वितरण भी किया है। बचाव दल के साथ तैनात सेना के स्वास्थ्य दल ने दवा वितरण,आपातकालीन स्वास्थ्य सहायता के साथ-साथ कई लोगो का अमूल्य जीवन बचाया है। सेना द्वारा बचाए गए लोगो में गर्भवती महिलाएं भी सम्मिलित हैं। -- Kumar Vivek Journalist 9523745572

हवाई सर्वे में बाढ़ से हुई तबाही देख हैरान रह गए सीएम नीतीश कुमार

हवाई सर्वेक्षण करते नीतीश कुमार.  कुमार विवेक # पूर्णिया में कैंप करेंगे आपदा प्रबंधन मंत्री  # जिलों के प्रभारी मंत्री को भी कैंप करने का सीएम ने दिया आदेश । # आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव , पथ निर्माण सचिव, ग्रामिण विकास सचिव जायेंगे बाढ़ से हुए नुकसान और तबाही की जानकारी लेंने  #प्रभावित जिलों के DM को हवाई सर्वेंक्षण का आदेश । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ प्रभावित जिलों के हवाई सर्वे के दौरान जल प्रलय के कारन हुई तबाही को देखखर हैरान रह गए. मुख्यमंत्री सोमवार को सुबह 11.30 बजे बिहार के बाढ़ प्रभावित 12 जिलों के हवाई सर्वे पर राजधानी पटना से निकले थे. मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश अधिकारिओं को दिए हैं. गौरतलब है कि किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिआ, सहरसा, दरभंगा आदि जिलो के शहरी क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी घुस जाने से लाखों की आबादी इस जल प्रलय से प्रभावित हुई है. बाढ़ का पानी इतनी तेजी से रिहायसी इलाकों के घुस आया कि प्रशासन को किसी भी तैयारी का वक़्त ही नहीं मिल पाया। NDRF