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Showing posts from March, 2018

नीतीश जी की शराबबंदी ने बिहार को कितना बदल दिया? VIDEO

क्रिस्टोफर वायली ने खोल दी फेसबुक की पोल

कुमार विवेक आखों पर कला चशमा, गुलाबी बाल, कानो में रिंग, सूट टाइ पहने तस्वीर में दिखने वाला शख्स है क्रिश्टोफर वाईली। यही वो व्यक्ति है  जिसने व्हिस्लब्लोवर बनकर कैंब्रिज अनालिटिका नाम के कंपनी द्वारा फेसबुक डेटा चोरी करने का भंडाफोड़ किया। बकौल वाईली, उन्होंने कैंब्रिज अनालिटिका में काम करते हुए कुछ असहज गड़बड़िया देखी और साल २०१४ में उन्होंने कंपनी छोड़ दी. वाईली की ही  मदद से गार्डियन समूह की पत्रकार कैरोल कार्डवेल्डर ने दुनिया के सामने यह भंडाफोड़ किया कि कैसे कैम्ब्रिज अनलिटिका ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर के डेटा को चोरी किया और इसका इस्तेमाल कर लोगो के राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तैयार किये. आगे चल कर इसका इस्तेमाल वोटरों को लुभाने के लिए किया गया. कैरोल करड़वाल्डेर कार्डवेल्डर वाईली को आकड़ों के विज्ञान में तेज़ दिमाग का आदमी बताती हैं. इस भंडाफोड़ के बाद हालाँकि फेसबुक अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करते हुए कह रही है कि  उसे नहीं पता था कि उसकी साइट से लिए गए डाटा का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि इस सवाल का जवाब तो फेसबुक को देना ही होगा कि आखिर 5 करोड़ यूजरों के डाटा कैम्ब्रिज

क्यों मोदी के पीएम रहते भी सोशल मीडिया पर फ़िसड्डी साबित हो रही सरकार?

मोदी के मंत्रालय डिजिटल मोर्चे पर कर रहे हैं निराश  प्रधानमंत्री का डिजिटल इंडिया का सपना अधर में  जब मई २०१४ में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तो मीडिया ने उन्हें सोशल मीडिया प्राइम मिनिस्टर के नाम से नवाजा. तकनीक के प्रति उनके रुझान की तुलना अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति  बराक ओबामा तक से की गयी. इतना ही नहीं, साल २०१६ में टाइम मैगज़ीन ने उन्हें दुनिया के ३० सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया. तकरीबन ४ करोड़  फेसबुक फॉलोवर्स  के साथ नरेंद्र मोदी दुनिया के सबसे अधिक फॉलो किये जाने वाले विश्व नेताओं में एक हैं. अपने मुखिया के सोशल मीडिया और ऑनलाइन माध्यमों में इस दिलचस्पी और सक्रियता की वजह से लोगो को उम्मीद थी कि  भारत सरकार के अन्य विभाग भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अधिकाधिक सक्रिय होंगे. डिजिटल इंडिया को लेकर हो रहे प्रयास नाकाफी  पर सच्चाई में हुआ बिलकुल उसके उलट. पीयू रिसर्च सेंटर के अनुसार, ८७ प्रतिशत अमेरिकी व्यस्क इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जबकि भारत के मामले में यह आकड़ा केवल २७ फीसदी का हैं. भारत में दस में से केवल २ लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म