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Showing posts from May, 2008

तो इन गांवों में बसता है भारत

अभिषेक पोद्दार गांवों में बसता है भारत देश के राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने जब यह पंक्ति कहीं थी तो उन्‍होंने यह नहीं सोचा होगा कि आजादी के 60 साल बाद हमारे देश के गांवों की यह हालत होगी जिस हालत में हम आपको अवगत कराने वाले हैं. एक सर्वे के अनुसार देश के 21 प्रतशित गांव के लोगों को ही पीने के लिए स्‍वच्‍छ पानी मिल पाता है. शौचालय निर्माण के लिए सरकार ने करोडों रूपये पानी की तरह तो बहा दिये लेकिन मात्र आठ प्रतशित गांवों में शौचालय का प्रयोग किया जा रहा है बाकि सभी जगहों में शौचालय नहीं बने और अगर बने भी है तो बेकार पडे हुए हैं. हमारे देश में गांवों की हालत बस यही पर आकर खत्‍म नहीं हो जाती यह तो सिर्फ शुरूआत है देश के हजारों गांवों में कुष्‍ठरोगियों को दवा तक नसीब नहीं होती, हमारे गांव के हर 1000 लोगों में से चार या पांच लोग टीवी से ग्रसित हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि गांवों में बीमारी का कारण कुपोषण व इन्‍फेकसन है वहीं शहरों में फास्‍ट लाइफ स्‍टाइल व टेंशन है. गांव के तीन में से हर एक आदमी को दूसरे वक्‍त का भोजन नसीब नहीं हो पाता. ऐसे कई आंकडे उस सर्वे में दिये गये हैं. अब इसके बाद

खबर वहीं जो टीआरपी बढाये

अभिषेक पोद्दार अभी पिछले दस दिनों से मीडिया में आरूषि व हेमराज हत्‍याकांड मामला पूरी तरह से छाया रहा. जब भी टीवी खोलो वहीं आरूषि हत्‍याकांड पर खबर चलती रहती थी. 24 घंटे ब्रेंकिग न्‍यूज वहीं थी मीडिया के लिए. ज‍बकि ऐसा नहीं था कि आरूषि कोई बहुत बडी हस्‍ती हो या इस संसार में ऐसा मर्डर केस पहली बार हुआ हो जो इस तरह से सारे मीडिया वाले उसके पीछे पड गये थे. अगर कुछ था तो टीआरपी का खेल, जिसके जरिये सभी अपने चैनल की टीआरपी बढाने में लगे थे, उनके लिए तो पूरी खबर नोएडा पुलिस का मुख्‍यालय, नोएडा का सेक्‍टर 25 तक ही सिमट कर रह गया था. ऐसा न था कि इस समय विश्‍व की छोडिये अपने भारत वर्ष में ही कोई घटना ऐसी नहीं घटी हो, अभी कुछ दिनों पहले ही जयपुर ब्‍लास्‍ट के उपर प्रत्‍येक दिन फॉलोअप स्‍टोरी चलाई जा रही थी लेकिन इस हत्‍याकांड के बाद जयपुर ब्‍लास्‍ट की गूंज भी खामोश हो गई. वहीं इसी दौरान यूपीए सरकार के चार साल भी पूरे हुए लेकिन इसपर भी मीडिया ने नजर डालना मुनासिब नहीं समझा जबकि इस समय महंगाई, आतंकवाद व बेरोजगारी अपने चरम पर थी और तो ओर मीडिया के लिए शुरू से पंसदीदा मुद्रदा नंदीग्राम और सिंगुर का इसप