अभिषेक पोद्दार
गांवों में बसता है भारत देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जब यह पंक्ति कहीं थी तो उन्होंने यह नहीं सोचा होगा कि आजादी के 60 साल बाद हमारे देश के गांवों की यह हालत होगी जिस हालत में हम आपको अवगत कराने वाले हैं. एक सर्वे के अनुसार देश के 21 प्रतशित गांव के लोगों को ही पीने के लिए स्वच्छ पानी मिल पाता है. शौचालय निर्माण के लिए सरकार ने करोडों रूपये पानी की तरह तो बहा दिये लेकिन मात्र आठ प्रतशित गांवों में शौचालय का प्रयोग किया जा रहा है बाकि सभी जगहों में शौचालय नहीं बने और अगर बने भी है तो बेकार पडे हुए हैं. हमारे देश में गांवों की हालत बस यही पर आकर खत्म नहीं हो जाती यह तो सिर्फ शुरूआत है देश के हजारों गांवों में कुष्ठरोगियों को दवा तक नसीब नहीं होती, हमारे गांव के हर 1000 लोगों में से चार या पांच लोग टीवी से ग्रसित हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि गांवों में बीमारी का कारण कुपोषण व इन्फेकसन है वहीं शहरों में फास्ट लाइफ स्टाइल व टेंशन है. गांव के तीन में से हर एक आदमी को दूसरे वक्त का भोजन नसीब नहीं हो पाता. ऐसे कई आंकडे उस सर्वे में दिये गये हैं. अब इसके बाद मैं कुछ नहीं कहूंगा बस आपसभी से एक जवाब चाहता हूं कि क्या इन्हीं गांवों में भारत के बसने की बात कही थी हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने.
गांवों में बसता है भारत देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जब यह पंक्ति कहीं थी तो उन्होंने यह नहीं सोचा होगा कि आजादी के 60 साल बाद हमारे देश के गांवों की यह हालत होगी जिस हालत में हम आपको अवगत कराने वाले हैं. एक सर्वे के अनुसार देश के 21 प्रतशित गांव के लोगों को ही पीने के लिए स्वच्छ पानी मिल पाता है. शौचालय निर्माण के लिए सरकार ने करोडों रूपये पानी की तरह तो बहा दिये लेकिन मात्र आठ प्रतशित गांवों में शौचालय का प्रयोग किया जा रहा है बाकि सभी जगहों में शौचालय नहीं बने और अगर बने भी है तो बेकार पडे हुए हैं. हमारे देश में गांवों की हालत बस यही पर आकर खत्म नहीं हो जाती यह तो सिर्फ शुरूआत है देश के हजारों गांवों में कुष्ठरोगियों को दवा तक नसीब नहीं होती, हमारे गांव के हर 1000 लोगों में से चार या पांच लोग टीवी से ग्रसित हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि गांवों में बीमारी का कारण कुपोषण व इन्फेकसन है वहीं शहरों में फास्ट लाइफ स्टाइल व टेंशन है. गांव के तीन में से हर एक आदमी को दूसरे वक्त का भोजन नसीब नहीं हो पाता. ऐसे कई आंकडे उस सर्वे में दिये गये हैं. अब इसके बाद मैं कुछ नहीं कहूंगा बस आपसभी से एक जवाब चाहता हूं कि क्या इन्हीं गांवों में भारत के बसने की बात कही थी हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने.
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