कुमार विवेक
आखों पर कला चशमा, गुलाबी बाल, कानो में रिंग, सूट टाइ पहने तस्वीर में दिखने वाला शख्स है क्रिश्टोफर वाईली। यही वो व्यक्ति है जिसने व्हिस्लब्लोवर बनकर कैंब्रिज अनालिटिका नाम के कंपनी द्वारा फेसबुक डेटा चोरी करने का भंडाफोड़ किया। बकौल वाईली, उन्होंने कैंब्रिज अनालिटिका में काम करते हुए कुछ असहज गड़बड़िया देखी और साल २०१४ में उन्होंने कंपनी छोड़ दी.
वाईली की ही मदद से गार्डियन समूह की पत्रकार कैरोल कार्डवेल्डर ने दुनिया के सामने यह भंडाफोड़ किया कि कैसे कैम्ब्रिज अनलिटिका ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर के डेटा को चोरी किया और इसका इस्तेमाल कर लोगो के राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तैयार किये. आगे चल कर इसका इस्तेमाल वोटरों को लुभाने के लिए किया गया. कैरोल करड़वाल्डेर कार्डवेल्डर वाईली को आकड़ों के विज्ञान में तेज़ दिमाग का आदमी बताती हैं.
इस भंडाफोड़ के बाद हालाँकि फेसबुक अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करते हुए कह रही है कि उसे नहीं पता था कि उसकी साइट से लिए गए डाटा का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि इस सवाल का जवाब तो फेसबुक को देना ही होगा कि आखिर 5 करोड़ यूजरों के डाटा कैम्ब्रिज एनालिटिका तक पहुंचे कैसे.
उधर, इस जानकरी के सामने आने के बाद फेसबुक के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है और पिछले 10 दिनों में करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान फेसबुक को झेलना पड़ा है. हालाँकि इन दिनों में कंपनी और ज़ुकरबर्ग की ओर से बीच - बचाव की काफी कोशिशें की गई है.
वाईली के अनुसार, उन्होंने पहले कानून पढ़ा फिर फैशन और उसके बाद वो ब्रिटेन की राजनीति में लिबरल डेमोक्रैट्स के लिए काम करने उतरे. 2014 में वह स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन लैबोरेट्रीज के रिसर्च डाइरेक्टर बने. यही कैम्ब्रिज एनालिटिका की मातृ कंपनी है. एक अखबार से इंटरव्यू में कैम्ब्रिज एनालिटिका के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने कंपनी को बनाने में मदद की. मैं जो काम कर रहा था उसमें अपनी ही उत्सुकता के कारण फंस गया. यह कोई बहाना नहीं है लेकिन मैंने एक रिसर्च का काम देखा जो मैं करना चाहता था, इसका बजट कई लाख का था, यह बहुत लुभावना था." शुरुआत में उन्हें दुनिया भर की सैर करने, मंत्रियों से मिलने में खूब मजा आया. लेकिन जल्दी ही सब बदल गया जब उन्हें पता चला कि उनके पूर्ववर्ती की मौत केन्या के एक होटल में हुई. वो मानते है कि उस शख्स ने "एक सौदे के बिगड़ने" की कीमत चुकाई."
वाइली ने ब्रिटिश सांसदों से इस मामले की गहराई से छानबीन करने का अनुरोध किया है. उन्होंने जोर दे कर कहा है कि उनकी चिंता राजनीति नहीं है बल्कि वो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को होने वाले नुकसान से चिंतित हैं, उनमें ब्रेक्जिट पर रायशुमारी के लिए चला अभियान भी शामिल है.
वाइली का मानना है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने ब्रेक्जिट वोट को प्रभावित किया हो यह सोचना "बहुत वाजिब" है. वाइली ने इसके साथ ही यह भी कहा कि वे फेसबुक या सोशल मीडिया के विरोधी नहीं हैं. उन्होंने कहा, मैं ये नहीं कहता कि "फेसबुक डिलीट" करो बल्कि मैं "फेसबुक को रिपेयर" करो कहता हूं.
आखों पर कला चशमा, गुलाबी बाल, कानो में रिंग, सूट टाइ पहने तस्वीर में दिखने वाला शख्स है क्रिश्टोफर वाईली। यही वो व्यक्ति है जिसने व्हिस्लब्लोवर बनकर कैंब्रिज अनालिटिका नाम के कंपनी द्वारा फेसबुक डेटा चोरी करने का भंडाफोड़ किया। बकौल वाईली, उन्होंने कैंब्रिज अनालिटिका में काम करते हुए कुछ असहज गड़बड़िया देखी और साल २०१४ में उन्होंने कंपनी छोड़ दी.
वाईली की ही मदद से गार्डियन समूह की पत्रकार कैरोल कार्डवेल्डर ने दुनिया के सामने यह भंडाफोड़ किया कि कैसे कैम्ब्रिज अनलिटिका ने 5 करोड़ फेसबुक यूजर के डेटा को चोरी किया और इसका इस्तेमाल कर लोगो के राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल तैयार किये. आगे चल कर इसका इस्तेमाल वोटरों को लुभाने के लिए किया गया. कैरोल करड़वाल्डेर कार्डवेल्डर वाईली को आकड़ों के विज्ञान में तेज़ दिमाग का आदमी बताती हैं.
इस भंडाफोड़ के बाद हालाँकि फेसबुक अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार करते हुए कह रही है कि उसे नहीं पता था कि उसकी साइट से लिए गए डाटा का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि इस सवाल का जवाब तो फेसबुक को देना ही होगा कि आखिर 5 करोड़ यूजरों के डाटा कैम्ब्रिज एनालिटिका तक पहुंचे कैसे.
उधर, इस जानकरी के सामने आने के बाद फेसबुक के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है और पिछले 10 दिनों में करीब 70 अरब डॉलर का नुकसान फेसबुक को झेलना पड़ा है. हालाँकि इन दिनों में कंपनी और ज़ुकरबर्ग की ओर से बीच - बचाव की काफी कोशिशें की गई है.
वाईली के अनुसार, उन्होंने पहले कानून पढ़ा फिर फैशन और उसके बाद वो ब्रिटेन की राजनीति में लिबरल डेमोक्रैट्स के लिए काम करने उतरे. 2014 में वह स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन लैबोरेट्रीज के रिसर्च डाइरेक्टर बने. यही कैम्ब्रिज एनालिटिका की मातृ कंपनी है. एक अखबार से इंटरव्यू में कैम्ब्रिज एनालिटिका के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने कंपनी को बनाने में मदद की. मैं जो काम कर रहा था उसमें अपनी ही उत्सुकता के कारण फंस गया. यह कोई बहाना नहीं है लेकिन मैंने एक रिसर्च का काम देखा जो मैं करना चाहता था, इसका बजट कई लाख का था, यह बहुत लुभावना था." शुरुआत में उन्हें दुनिया भर की सैर करने, मंत्रियों से मिलने में खूब मजा आया. लेकिन जल्दी ही सब बदल गया जब उन्हें पता चला कि उनके पूर्ववर्ती की मौत केन्या के एक होटल में हुई. वो मानते है कि उस शख्स ने "एक सौदे के बिगड़ने" की कीमत चुकाई."
वाइली ने ब्रिटिश सांसदों से इस मामले की गहराई से छानबीन करने का अनुरोध किया है. उन्होंने जोर दे कर कहा है कि उनकी चिंता राजनीति नहीं है बल्कि वो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को होने वाले नुकसान से चिंतित हैं, उनमें ब्रेक्जिट पर रायशुमारी के लिए चला अभियान भी शामिल है.
वाइली का मानना है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने ब्रेक्जिट वोट को प्रभावित किया हो यह सोचना "बहुत वाजिब" है. वाइली ने इसके साथ ही यह भी कहा कि वे फेसबुक या सोशल मीडिया के विरोधी नहीं हैं. उन्होंने कहा, मैं ये नहीं कहता कि "फेसबुक डिलीट" करो बल्कि मैं "फेसबुक को रिपेयर" करो कहता हूं.
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