बिहार में बाढ़ के
स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. सीमांचल के जिलों किशनगंज, कटिहार,
पूर्णिआ, अररिया, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चम्पारण जिलों में लगातार बढ़ते पानी
के कारण खाली करने के आदेश दे दिए गए हैं.
वहीँ दरभंगा के रसियारी के समीप
सोमवार के सुबह तीन बजे कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध टूटने के कारण दो
लाख की आबादी भीषण बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. कमला बलान के पश्चिमी तटबंध
टूटने से गौड़बोड़ाम और अलीनगर विधानसभा के ३३ पंचायतों के लोग बाढ़ की जद में हैं.
लोगों के रहत पहुंचाने के लिए सेना और NDRF ने कमान सभाल रखी है. पर, लगातार हो रही बारिश और नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण इनके प्रयास नाकाफी साबित हो रहे है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र से राहत और बचाव के लिए सेना के साथ-साथ वायुसेना की मदद मांगी मांगी है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार को हर मदद का आश्वाशन दिया
है.
बिहार के सुपौल, सहरसा, बाघा, गोपालगंज, मधुबनी, सीतामढ़ी, खगड़िया, दरभंगा और मधेपुरा जिलों में गांवों में पानी घुसने के बाद सैकड़ों लोग अपने घरों से बाहर निकल उंचे स्थान पर पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही सरकार द्वारा बनाए गए राहत शिविर में भी लोग आ रहे हैं।
अररिया और किशनगंज में कई रेलवे स्टेशन बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, करोड़ों रुपयों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई स्थानों के लिए जाने वाले मार्ग कट गए हैं।
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