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The Artist : Best movie at 84th Oscar awards::))Congrats...

चाणक्य की सीख

चाणक्य एक जंगल में झोपड़ी बनाकर रहते थे। वहां अनेक लोग उनसे परामर्श और ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे। जिस जंगल में वह रहते थे, वह पत्थरों और कंटीली झाडि़यों से भरा था। चूंकि उस समय प्राय: नंगे पैर रहने का ही चलन था, इसलिए उनके निवास तक पहुंचने में लोगों को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता था। वहां पहुंचते-पहुंचते लोगों के पांव लहूलुहान हो जाते थे। एक दिन कुछ लोग उस मार्ग से बेहद परेशानियों का सामना कर चाणक्य तक पहुंचे। एक व्यक्ति उनसे निवेदन करते हुए बोला, ‘आपके पास पहुंचने में हम लोगों को बहुत कष्ट हुआ। आप महाराज से कहकर यहां की जमीन को चमड़े से ढकवाने की व्यवस्था करा दें। इससे लोगों को आराम होगा।’ उसकी बात सुनकर चाणक्य मुस्कराते हुए बोले, ‘महाशय, केवल यहीं चमड़ा बिछाने से समस्या हल नहीं होगी। कंटीले व पथरीले पथ तो इस विश्व में अनगिनत हैं। ऐसे में पूरे विश्व में चमड़ा बिछवाना तो असंभव है। हां, यदि आप लोग चमड़े द्वारा अपने पैरों को सुरक्षित कर लें तो अवश्य ही पथरीले पथ व कंटीली झाडि़यों के प्रकोप से बच सकते हैं।’ वह व्यक्ति सिर झुकाकर बोला, ‘हां गुरुजी, मैं अब ऐसा ही करूंगा।’ इसके बा...

जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है

लड़ाई में एक बार एक राजा का अंगूठा कट गया. उसे बड़ा सदमा लगा. उसके महामंत्री ने उसे समझाते हुए कहा की जाने दीजिये महाराज जो भी होता है अच्छे केलिए होता है. राजा को गुस्सा आ गया. उसने गुस्से में मंत्री को जेल में डाल दिया. कुछ दिनों के बाद राजा शिकार पर निकला. घने जंगले में वह अपने काफिले से भटक गया. जंगल के आदिवासियों ने उसे पकड़ लिया. आधिवासियों को अपने देवता को नरबली देने केलिए एक इंसान की जरूरत थी सो उन्होंने राजा की बलि देना निश्चित किया. जब वे राजा को बलि देने केलिए ले जा रहे थे तो उनकी नज़र राजा के कटे अंगूठे पर पड़ी. उन्होंने यह देखकर राजा को छोड़ दिया. क्योंकि किसी अंगभंग मनुष्य की बलि नहीं दी जा सकती थी. राजा को अपने मंत्री की बात याद आई. वापस लौटकर उसने मंत्री को छोड़ दिया. राजा ने रिहा होने के बाद मंत्री से पूछा की अंगूठा काटकर मेरे साथ तो अच्छा हो गया मेरी जान बच गई. पर मैंने तुमे जेल में दाल दिया, यातनाएं दी इससे तुम्हारे साथ क्या अच्छा हुआ. तब मंत्री ने कहा महाराज जेल जाने से मेरी भी जान बच गयी. राजा ने पूछा कैसे तो मंत्री ने विस्तार से बताया देखिये महाराज मैं...

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शादी के लिए किया गया 209 पुरुषों को अगवा

शायद यह सुनकर आपको यकीन न हो लेकिन यह सच है। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में पिछले साल जबर्दस्ती विवाह कराने के लिए 209 पुरुषों को अगवा किया गया। इनम 3 पुरुष ऐसे भी हैं जिनकी उम्र 50 साल से अधिक थी जबकि 2 की उम्र दस साल से भी कम थी। नैशनल क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी 'भारत में अपराध 2007' रिपोर्ट के अनुसार, मजे की बात है कि बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां महिलाओं की तुलना में पुरुषों की अधिक किडनैपिंग होती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में 1268 पुरुषों की किडनैपिंग की गई थी जबकि महिलाओं की संख्या इस आंकड़े से 6 कम थी। अपहरण के 27, 561 मामलों में से 12, 856 मामले विवाह से संबंधित थे। महिलाओं की किडनैपिंग के पीछे सबसे बड़ा कारण विवाह है। महिलाओं के कुल 20,690 मामलों में से 12,655 किडनैपिंग शादी के लिए हुई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि किडनैप की गईं लड़कियों अधिकाधिक की उम्र 18 से 30 साल के बीच थी। साभार नवभारत टाइम्‍स

नेता जाग गये या फिर हम सो रहे हैं

अभिषेक पोद्दार मुंबई में हुए आतंकी हमले अब समाप्‍त हो गये हैं. उन्‍हें जो करना था वो कर गये और हमेशा की तरह बाद में छोड गये हमारे उन नेताओं को राजनीति करने के लिए जिसका एक भी मौका हमारे नेता चूकना गंवारा नहीं समझते. अभी मुठभेड पूरी तरह से समाप्‍त ही नहीं हुआ था कि हमारे नेता बयानबाजी करना शुरू कर दिये. मोदी कहते हैं कि हमने तो पहले ही आगाह किया था कि ऐसा हमला होने वाला है अब केंद्र सरकार नहीं चेती तो यह केंद्र की गद्दी पर बैठे कांग्रेस सरकार की गलती है. वहीं पूर्व सांसद गायकवाड जो कि हमले के दौरान होटल ताज में बंधक थे उन्‍होंने तो दो दिन तक अंदर में रहकर आगामी लोकसभा चुनाव के लिए स्‍लोगन तैयार कर लिये हैं और यह बात बडे ही बेबाकी से मीडिया के सामने कह रहे हैं. अब इनका भी जवाब नहीं. खैर हमारे नेता तो इस काम में माहिर ही है. अब महाराष्‍ट्र के ग़ह मंत्री आरआर पाटिल का बयान सुनिये वह कहते हैं कि बडे-बडे शहरों में ऐसी घटनाएं होती ही रहती है फिर भी हम जीते हैं वे लोग 5000 लोगों को मारने आये थे लेकिन मार पाये मात्र 195 वाह भाई वाह. अब जब जनता ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया पूरे देश में इस घटन...