संजय पांण्डेय
एक मामूली शिक्षक के बैंक खाते में 99 करोड़ रुपये एक मुश्त कहीं से आ गये। शिक्षक को इसकी जानकारी तब हुई जब वे अपने बैंक खाते से पैसा निकालने गये। बैलेंस देख उन्हें गश आ गया। कुछ देर बाद वे संयत हुए और बिना पैसा निकाले ही घर लौट गए।
ऐसे में यहां एक सवाल उठ रहा है कि एक साधारण शिक्षक के खाते में एक मुश्त 99 करोड़ रुपये कहां से आये और किसने भेजे!
ऐसे में यहां एक सवाल उठ रहा है कि एक साधारण शिक्षक के खाते में एक मुश्त 99 करोड़ रुपये कहां से आये और किसने भेजे!
गोरखपुर के खोराबार थाना अंतर्गत ग्राम महीमाठ निवासी बीरेन्द्र पाण्डेय नामक यह शिक्षक प्राथमिक स्कूल सनहा में तैनात हैं। शिक्षक के खाते में नौ मार्च 07 के पूर्व कुल 2500 रुपये थे। बकौल शिक्षक दस मार्च को स्टेट बैंक की इंजीनियरिंग कालेज शाखा जाने पर पता चला कि उनके खाते में एक मुश्त 99 करोड़ रुपये कही से आ गये हैं। वे सकते में आ गये और बिना रुपये निकाले घर लौट आये। सोचा कहीं उनके खिलाफ किसी ने साजिशन तो यह रकम नहीं भेजी। सो अपने सहयोगी शिक्षक गंगा शरण त्रिपाठी, प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री राजेश दुबे, खोराबार के संकुल प्रभारी श्री राम गुप्त आदि को खाते में 99 करोड़ रुपये आने की जानकारी दी।
शिक्षक श्री पांडेय के खाते में 99 करोड़ एक मुश्त आने की पुष्टि सहायक शिक्षक गंगा शरण तिवारी, खोराबार के संकुल प्रभारी श्री राम गुप्त व शिक्षक संघ के मंत्री राजेश दुबे ने की। तीनों ने ही बताया कि शिक्षक श्री पांडेय ने उन्हें बताया था कि पता नहीं कहां से उनके खाते में 99 करोड़ रुपये आ गये। राजेश दुबे ने कहा कि संबंधित शिक्षक वीरेन्द्र पांडेय को साथ लेकर वे खुद स्टेट बैंक की इंजीनियरिंग कालेज शाखा पर गये थे और तत्कालीन मैनेजर का श्री पांडेय ने लिखित रुप में दिया था कि 99 करोड़ रुपये हमारे नहीं हैं। न जाने यह कहां से आया है।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर स्टेट बैंक की इंजीनियरिंग कालेज शाखा की महिला प्रबंधक श्रीमती कमरजीत जब्बल ने बताया कि वे दो माह पहले ही यहां आयी हैं। मार्च 07 में शिक्षक के खाते में 99 करोड़ रुपये आये थे यह तत्काल खोजना काफी मुश्किल है। श्री पांडेय या उनसे जुड़े लोगों के कितने खाते है, नहीं बता सकती। सिर्फ लोन संबंधी खाते की जानकारी है।
शिक्षक श्री पांडेय के खाते में 99 करोड़ एक मुश्त आने की पुष्टि सहायक शिक्षक गंगा शरण तिवारी, खोराबार के संकुल प्रभारी श्री राम गुप्त व शिक्षक संघ के मंत्री राजेश दुबे ने की। तीनों ने ही बताया कि शिक्षक श्री पांडेय ने उन्हें बताया था कि पता नहीं कहां से उनके खाते में 99 करोड़ रुपये आ गये। राजेश दुबे ने कहा कि संबंधित शिक्षक वीरेन्द्र पांडेय को साथ लेकर वे खुद स्टेट बैंक की इंजीनियरिंग कालेज शाखा पर गये थे और तत्कालीन मैनेजर का श्री पांडेय ने लिखित रुप में दिया था कि 99 करोड़ रुपये हमारे नहीं हैं। न जाने यह कहां से आया है।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर स्टेट बैंक की इंजीनियरिंग कालेज शाखा की महिला प्रबंधक श्रीमती कमरजीत जब्बल ने बताया कि वे दो माह पहले ही यहां आयी हैं। मार्च 07 में शिक्षक के खाते में 99 करोड़ रुपये आये थे यह तत्काल खोजना काफी मुश्किल है। श्री पांडेय या उनसे जुड़े लोगों के कितने खाते है, नहीं बता सकती। सिर्फ लोन संबंधी खाते की जानकारी है।
Comments