दार्जीलिंग : दार्जीलिंग की ठंडी हवाओं में फिलहाल काफी गर्मी है। यह हर दिन बढ़ती जा रही है। अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (GJM) की अनिश्चितकालीन बंदी का आज सातवां दिन है। जीजेएम प्रमुख बिमल गुरुंग अपने आंदोलन को एक अलग लेवल पर ले जाना चाहते है। बंगाल की मुख्यमंत्री से उनकी जुबानी जंग जारी है। वे किसी भी सूरत में cm से बात के मूड में नहीं दिख रहे हैं। गुरुंग ने अपने समर्थकों से रविवार को कर्फ्यू तोड़ कर आज़ाद चौक पर एकजुट होने को कहा है। इससे पहले शनिवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में तीन जीजेएम कार्यकर्ता मारे गए हैं। दर्जनों गंभीर रूप से घायल हैं। हालांकि ममता सरकार इसका खंडन कर रही है। एक वरीय पुलिस अधिकारी भी घायल है, जिनकी हालत नाज़ुक है। क्षेत्र में सेना तैनात की जा चुकी है। देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी हालात पर नज़र बनाये हुए हैं। दार्जीलिंग में ये तनाव सरकार के उस फैसले के बाद शुरू हुए हैं जिसमे क्षेत्र के स्कूलों में बंगाली भाषा को अनिवार्य घोषित कर दिया गया है।
train your eyes to see the good