रांची से हावड़ा, भागलपुर, दरभंगा जाने वाले यात्रियों को खासी दिक्कतों का करना पड़ेगा सामना।
नई दिल्ली। झारखंड के झरिया कोलफील्ड में सालों से लगी आग की वजह से रेलवे बोर्ड ने एक बड़ा फैसला किया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने पूर्व मध्य रेल (ईसीआर) के तहत आने वाले धनबाद डिवीजन में 41 किलोमीटर लंबे धनबाद-चंद्रपुर सेक्शन पर यात्री और माल दोनों तरह के रेलगाडि़यों के परिचालन को बंद करने का फैसला किया है। यह परिचालन 15 जून से बंद कर दिया जाएगा। डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी की ताजा सिफारिशों के बाद बोर्ड ने सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
रेलवे के के अनुसार डायरेक्टर जनरल ने सात कोलफील्ड्स बुसेरया, सेंड्रा बंसजोर, कटरास चौटीदिह, एकेएमएमसी, न्यू आकाशकिनारे, साउथ गोविंदपुर और तेतूरा का निरिक्षण किया था। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कोलफील्ड का 14 किलोमीटर का एरिया सुरक्षित नहीं है।
वर्तमान में धनबाद-चंद्रपुर सेक्शन पर रोजाना 20 जोड़ी मेल और एक्सप्रेस ट्रेन तथा 6 जोड़ी अन्य यात्री ट्रेन का संचालन होता है, जिनका मार्ग परिवर्तन किया जाएगा। इस रूट पर प्रतिदिन 20,000 यात्री यात्रा करते हैं, जिन्हें इस रूट के 15 जून से बंद हो जाने के बाद रांची से हावड़ा, भागलपुर, दरभंगा जाने वाले यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
साल में 3,000 करोड़ का नुकसान
रेलवे को धनबाद-चंद्रपुर सेक्शन बंद करने से सालाना 3,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। रेलवे को इस रूट पर सालाना माल ढुलाई से तकरीबन 2500 करोड़ और 500 करोड़ रुपए की आय यात्री टिकट बिक्री से होती है। जो इस रुट के बंद हो जाने से समाप्त हो जायेगा.
विकल्प तलाशने की हो रही तयारी
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेस (आरआईटीईएस), रेलवे की इंजीनियरिंग कंसल्टैंसी विंग, को धनबाद-चंद्रपुर रूट का वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए कहा गया है, ताकि यात्रियों को ज्यादा लंबे समय तक परेशानी न झेलनी पड़े।
नई दिल्ली। झारखंड के झरिया कोलफील्ड में सालों से लगी आग की वजह से रेलवे बोर्ड ने एक बड़ा फैसला किया है। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने पूर्व मध्य रेल (ईसीआर) के तहत आने वाले धनबाद डिवीजन में 41 किलोमीटर लंबे धनबाद-चंद्रपुर सेक्शन पर यात्री और माल दोनों तरह के रेलगाडि़यों के परिचालन को बंद करने का फैसला किया है। यह परिचालन 15 जून से बंद कर दिया जाएगा। डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंस सेफ्टी की ताजा सिफारिशों के बाद बोर्ड ने सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया है।
रेलवे के के अनुसार डायरेक्टर जनरल ने सात कोलफील्ड्स बुसेरया, सेंड्रा बंसजोर, कटरास चौटीदिह, एकेएमएमसी, न्यू आकाशकिनारे, साउथ गोविंदपुर और तेतूरा का निरिक्षण किया था। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि इन कोलफील्ड का 14 किलोमीटर का एरिया सुरक्षित नहीं है।
वर्तमान में धनबाद-चंद्रपुर सेक्शन पर रोजाना 20 जोड़ी मेल और एक्सप्रेस ट्रेन तथा 6 जोड़ी अन्य यात्री ट्रेन का संचालन होता है, जिनका मार्ग परिवर्तन किया जाएगा। इस रूट पर प्रतिदिन 20,000 यात्री यात्रा करते हैं, जिन्हें इस रूट के 15 जून से बंद हो जाने के बाद रांची से हावड़ा, भागलपुर, दरभंगा जाने वाले यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
साल में 3,000 करोड़ का नुकसान
रेलवे को धनबाद-चंद्रपुर सेक्शन बंद करने से सालाना 3,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। रेलवे को इस रूट पर सालाना माल ढुलाई से तकरीबन 2500 करोड़ और 500 करोड़ रुपए की आय यात्री टिकट बिक्री से होती है। जो इस रुट के बंद हो जाने से समाप्त हो जायेगा.
विकल्प तलाशने की हो रही तयारी
सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने रेल इंडिया टेक्नीकल एंड इकोनॉमिक सर्विसेस (आरआईटीईएस), रेलवे की इंजीनियरिंग कंसल्टैंसी विंग, को धनबाद-चंद्रपुर रूट का वैकल्पिक रास्ता तलाशने के लिए कहा गया है, ताकि यात्रियों को ज्यादा लंबे समय तक परेशानी न झेलनी पड़े।
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