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कौन हैं निर्मला सीतारमण? जानिये, रक्षा मंत्री के बारे में सब कुछ

 कुमार विवेक 

देश की नयी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण केवल ६ घंटे सोती हैं. उनकी दिनचर्या सुबह ७ बजे अखबारों को पढ़ने के साथ शुरू होती हैं, अखबार वो इतनी  तल्लीनता से पढ़ती हैं कि तीन घंटे बाद जब वो इसे ख़त्म करती हैं, तो अखबारी स्याही से उनकी उँगलियाँ काली पड़ जाती हैं.

आइये जानते हैं उनसे जुडी वो खास बातें जो अबतक हम शायद ही  जानते हैं.

अखबारों के अलावे देश की नयी रक्षामंत्री  कुछ ख़ास न्यूज़ चैनल्स भी देखती हैं. यह चैनल दफ्तर में उनके ७ घंटे की कामकाज के दौरान चलते रहते हैं.

जब कभी टीवी चैनल्स पर अपने डिस्कशन कार्यक्रमों से वे संतुष्ट नहीं होती हैं, तो इन कार्यक्रमों के पुनर्प्रसारण को वे बार-बार देखती हैं, ताकि रह गयी कमी को सुधार सकें.

नरेंद्र मोदी के वर्त्तमान कैबिनेट में तीन तरह की महिलाएं शामिल हैं. सबसे पहले सुषमा स्वराज और उमा भारती जैसी फायर ब्रांड राष्ट्रवादी महिलाएं हैं. दूसरी हैं स्मृति ईरानी,  बहुरानी, आदर्श  भारतीय नारी टाइप की. फिर, अब हैं नयीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण मुखर और बुद्धिजीवी.  

बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता निर्मला सीतारमण का जन्म १८ अगस्त १९५८ को तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था. माँ गृहिणी थीं, जबकि पिता रेलवे कर्मचारी।

स्वयं निर्मला के शब्दों में, "मेरा बचपन बहुत ही सिक्योर्ड था."  पिता के लगातार तबादला होने के कारण उनका बचपन तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में बीता. ५ वी की पढ़ायी की बाद अगले तीन सालों तक वे मद्रास (चेन्नई) में अपनी मौसी के पास रहीं.
अपनी बाकी की पढाई उन्होंने त्रिचिरापल्ली से पूरी की. वहां सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से उन्होंने इकोनॉमिक्स में स्नातक पूरी की.

१९८० में निर्मला ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU)  जॉइन किया। वहां से उन्होंने पीएचडी की डिग्री पूरी की. वहीँ उनकी मुलाक़ात आंध्रा प्रदेश के पूर्व कांग्रेसी मंत्री के पुत्र परकाला प्रभाकर से हुई.  जिनसे आगे चलकर उन्होंने विवाह कर लिया. परकाला आंध्र भाजपा के प्रवक्ता भी रह चुके हैं. वे लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी हैं.

पीएचडी के बाद निर्मला ने प्राइस वाटरहॉउस में एनालिस्ट के रूप में नौकरी कर ली, जल्द ही उन्होनें कॉर्पोरेट जगत में अपनी अच्छी पकड़ बना ली. अप्रैल १९९१ में  निर्मला और उनके पति प्रभाकर देश लौट आये और आंध्र प्रदेश में रहने लगे. वहां निर्मला सीतारमण ने एक शिक्षाविद के रूप में अपनी पहचान बनायी। आगे चल कर उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य चुना गया. जिस हैसियत से कई बार उनकी मुलाक़ात भाजपा की दिग्गज नेत्री सुषमा स्वराज से हुई.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने २००६ में भाजपा ज्वाइन किया, जहाँ उनका कद तेजी से बढ़ा. निर्मला स्वयं यह स्वीकार करती हैं कि हिंदी न आना उनकी कमजोरी हैं, पर अंग्रेजी में वे खुद को हमेशा सहज पाती हैं. निर्मला अपनी प्रेस भी रिलीज़ खुद लिखती हैं.

देश की नयी रक्षामंत्री चुने जानें पर उन्हें नयी नज़र की हार्दिक शुभकामनाएं। उम्मीद हैं रक्षा मंत्री के रूप में भी निर्मला सीतारमण अपनी कार्यकुशलता से बेहतरीन छाप छोड़ेंगी।

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