Skip to main content

हवाई यात्रा के दौरान बदतमीज़ी करने पर अब ये सजा मिलेगी !

दुनिया में पहली बार भारत में ऐसे नियम जारी किये गए
हवाई यात्रा पर लग सकता है दो साल का प्रतिबन्ध


नई नज़र डेस्क 
नागरिक उड्यन मंत्रालय ने आज हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों के द्वारा अभद्र और परेशानी पैदा करने वाले व्यवहार पर नियंत्रण के लिये नियम जारी किये। मीडिया से बातचीत में नागिरक विमानन मंत्री श्री पी. अशोक गजपति राजू ने कहा कि नये नियमों की मदद से ऐसे अभद्र यात्रियों की एक राष्ट्रव्यापी सूची तैयार की जा सकेगी। उन्होंने कहा भारत द्वारा उड़ान भरने से प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची तैयार करना दुनिया में इस तरह का पहला कदम है। सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर बल देते हुये श्री राजू ने कहा कि इस सूची का विचार केवल सुरक्षा खतरे पर नहीं बल्कि यात्रियों, विमान कर्मियों और विमान की सुरक्षा की चिंता पर आधारित है।

डीजीसीए ने इसके लिये नागर विमानन आवश्यकता ( अभद्र यात्रियों से निपटना: सीएआर सेक्शन 3, सीरीज -एम, खण्ड VI) के प्रासंगिक नियमों में बदलाव किया है ताकि हवाई यात्रा के दौरान अभद्रता करने वाले यात्रियों से निपटा जा सके।

यह संशोधन 1963 के टोक्यो समझौते के प्रावधानों के अनुसार है।

संशोधित नियम हवाई यात्रा के दौरान अभद्र यात्रियों से निपटने से संबंधित हैं। हवाई अड्डों पर यात्रियों के अभद्र व्यवहार से निपटना प्रचलित दण्ड कानूनों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियों की जिम्मेदारी रहेगा। संशोधित नियम सभी भारतीय एयरलाइनों पर लागू होगा जिसमें सूचित एवं अनुसूचित एवं ढुलाई सेवायें शामिल हैं, यह भारतीय एवं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों दोनों के मामलों में लागू होगा।

1963 के टोक्यो समझौते के अनुसार यह नियम विदेशी एयरलाइन्स पर भी लागू होगा। इस मौके पर नागर विमानन राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा ने कहा कि नये नियम सभी संबंधित पक्षों से व्यापक बातचीत के बाद तैयार किये गये हैं। इनका उद्देश्य हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों, विमान चालक दल और एयरलाइन के हितों की सुरक्षा करना है।

नये नियमों में अभद्र व्यवहार के तीन स्तर परिभाषित किये गये हैं, पहले स्तर में मौखिक अभद्रता शामिल है जिसमें 3 महीने तक के प्रतिबंध का प्रावधान है; दूसरे स्तर में शारीरिक रूप से भी अभद्रता शामिल है जिसके लिये 6 महीने का प्रतिबंध हो सकता है, तीसरे स्तर में जीवन को जोखिम में डालने वाली अभद्रता है जिसके लिये कम से कम प्रतिबंध 2 वर्ष का है।

अभद्रता की शिकायत पायलट-इन-कमाण्ड के द्वारा दर्ज करायी जायेगी जिसकी जांच विमान कंपनी द्वारा गठित एक आंतरिक समिति द्वारा की जायेगी। इस समिति के अध्यक्ष एक सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश होंगे और इसमें विमान कंपनियों, यात्री संगठनो, उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधि और जिला उपभोक्ता परिषद के सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल होंगे। नियमों के मुताबिक समिति को 30 दिनों में फैसला लेना होगा और यात्री पर प्रतिबंध की अवधि तय करनी होगी। जांच पर फैसला आने की पहले की अवधि के दौरान संबंधित एयरलाइन उस यात्री के उड़ान भरने पर रोक लगा सकेगी। और अभद्रता की पुनरावृत्ति पर दण्ड की अवधि पहले से दुगुनी होगी।

एयलाइन्स को यह सूची साझा करनी होगी और यह डीजीसीए की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होगी। लेकिन दूसरी विमान कंपनियां इसको मानने के लिये बाध्य नहीं होंगी। इस सूची में दो तरह के यात्री होंगे, पहला जिन्हें अवधि विशेष के लिये प्रतिबंधित किया गया है और दूसरा जिन्हें गृहमंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा माना गया है। दूसरी सूची वेबसाइट पर जारी नहीं की जायेगी।

संशोधित नियमों में प्रतिबंध के खिलाफ अपील का भी प्रावधान है। पीड़ित व्यक्ति (जिसमें गृहमंत्रालय से प्रतिबंधित व्यक्ति शामिल नहीं हैं), प्रतिबंध के 60 दिनों के अंदर नागर विमानन मंत्रालय द्वारा अपीलीय अधिकरण के सामने अपील दाखिल कर सकेंगे, इस समिति में उपभोक्ता समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

Comments

Popular posts from this blog

HP's 1st Android All-in-One Business Desktop ready to go

Let's see what company say for this product. The Slate21 Pro AiO is HP’s First Android All-In-One Business Desktop : Odds are your workforce is running around with SOME kind of Android device. It could be the smartphone they are checking between meetings – or a tablet when they are on the road. Now what if I told you a business-ready Android desktop is now available? Well, we introduced the groundbreaking-and-powerful Slate21 late last year. Now, it’s ready to get down to business. Enter the business-focused Slate21 Pro.

कब तक लूटती रहेगी नारी

संदर्भ - आदिवासी युवती के साथ दुष्‍कर्म सरोज तिवारी नारी सर्वत्र् पूज्‍यते यानी नारी की सभी जगह पूजा होती है. भारत उसे देवी की संज्ञा दी गयी है. इसके बाद भी हमारे देश में, राज्‍य में, शहर में और गांवो में नारी शो‍षित व पीडित हैं. आज तो नारी सर्वत्र लूटती नजर आ रही है. ऐसी बात नहीं है कि आज के पहले नारी नहीं लूटी व शोषित हुई हो, सबसे शर्म की बात तो यह है कि हर बार नारी शोषित व सुर्खियां बनती है. इसके बाद भी हमारे समाज के लोगों की नींद नहीं खुलती है. खुलेगी भी कैसे. नारियों का शोषण भी तो हमारे समाज के लोगों में से ही किसी द्वारा होता है. इसके बाद शुरू होता है नाम कमाने की वकालत, छूटभैये नेता से लेकर सामाजिक संगठनों के लोग इसके खिलाफ प्रदर्शन करते है. नेताओं द्वारा वोट लेने के लिए इस मामले को विधानसभा में भी उठाया जाता है. हर बार की तरह इस बार भी जांच और कार्रवाई का अश्‍वासन मिल जाता है. इसके बाद यह अध्‍याय समाप्‍त हो जाता है. इस बार भी यही हुआ. इस बार इस घटना की शिकार नाम कमाने की चाहत लेकर दिल्‍ली गयी और फिर दिल्‍ली से अपने गांव लौट रही एक युवती हुई है. उसके साथ रांची में पिठोरिया से ले

Trivendra Singh Rawat : All we should know about new Uttarakhand CM (Video)