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रोज 7000 औरतें हो रही हैं एचआईवी पॉजिटिव

संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) ने इस बात पर गंभीर चिंता जताई है कि दुनिया भर में हर दिन 7,000 महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव हो जाती हैं। इसके मद्देनजर यूएन ने सेक्सुअल हेल्थ सेवाओं तक महिलाओं की पहुंच का आह्वान किया है। उसने एड्स बीमारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए भारत के प्रयासों की प्रशंसा भी की है। युनाइटेड नेशंस पॉप्युलेशन फंड की डिप्टी इग्जेक्युटिव डायरेक्टर पूर्णिमा माने ने कहा कि लड़कियों और जवान महिलाओं को दोगुने खतरे का सामना करना पड़ता है, इसलिए इस बीमारी से उनके बचाव के लिए दोगुनी कोशिश की जरूरत है। उन्होंने कम उम्र की लड़कियों में एचआईवी वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जाने वाले उपायों पर यहां एक गाइड जारी करते हुए यह बात कही। माने ने कहा कि भारत में नागरिक प्रशासन संगठनों और कार्यकर्ताओं ने बाल विवाह निषेध अधिनियम को पारित करवाने में योगदान किया है। यह लड़कियों को कम उम्र में शारीरिक संबंध से बचाने में मदद करता है जो उनमें एचआईवी संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। उन्होंने इस बीमारी के प्रसार को रोकने की कोशिश के लिए दक्षिण अफ्रीका और वियतनाम की भी प्रशंसा की। यूएन की इस संस्था ने बाल विवाह को समाप्त करने और जवान महिलाओं को एचआईवी/ एड्स से लड़ने के लिए ज्यादा सामाजिक-आर्थिक सुविधाएं देने का आह्वान भी किया। इस गाइड को युनाइटेड नेशंस पॉप्युलेशन फंड (यूएनएफपीए), इंटरनैशनल प्लैंड पैरंटहुड फेडरेशन (आईपीपीएफ) और एचआईवी पॉजिटिव यंग लोगों ने मिलकर तैयार किया है।

Comments

शायदा said…
very nice. keep it up.

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