कई दिनों बाद फिर से एक बार मुझे उस दोस्त का मेल आया जिसके बारे में मैं आपको पहले भी बता चुका हूं. उन्होंने फिर एक कविता भेजी है हालांकि इस कविता के लिए मैंने उनसे कई बार कहा कि कुछ भेजिये, तब जाकर करीब दो तीन महीने के बाद उन्होंने मुझे अपने ब्लाग के लिए मेल किया जो अब आपसभी के बीच रख रहा हूं
उसे जब याद आयेगा वो पहली बार का मिलना
तो पल पल याद रखेगा या सब कुछ भुल जायेगा
उसे जब याद आयेगा गये मौसम का हर पल
तो खुद ही रो पडेगा वह, या खुद की मुस्कूरायेगा
उसे जब याद आयेगा कि सावन लौट आया है
बुला लेगा वो मुझको, या खुद की लौट आयेगा
उसे जब याद आयेगा मैं कैसे मुस्कूराता था
तो आखें मुस्कूरायेगी, या दामन भींग जायेगा
उसे जब याद आयेगा मैं कैसेट नाम लेता था
तो मेरा नाम लिखेगा, या अपना भी मिटायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरा खामोश सा रहना
तो सब को बोल देगा वह, या खुद से भी छुपायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरे सर को फेराना
तो बिजली बन के कडकेगा, या बादल बन के छायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरा चलना, मेरा फिरना
तो राह में हार बोयेगा, या फिर पलकें बिछायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरा मुडकर चले जाना
तो बंद रखेगा दरवाजे या फिर राहें सजायेगा
उसे जब आयेगा मैं कैसेट सख्स हूं
तलाक खत्म कर देगा या रसमों राह भरआहेगा.
उसे जब याद आयेगा वो पहली बार का मिलना
तो पल पल याद रखेगा या सब कुछ भुल जायेगा
उसे जब याद आयेगा गये मौसम का हर पल
तो खुद ही रो पडेगा वह, या खुद की मुस्कूरायेगा
उसे जब याद आयेगा कि सावन लौट आया है
बुला लेगा वो मुझको, या खुद की लौट आयेगा
उसे जब याद आयेगा मैं कैसे मुस्कूराता था
तो आखें मुस्कूरायेगी, या दामन भींग जायेगा
उसे जब याद आयेगा मैं कैसेट नाम लेता था
तो मेरा नाम लिखेगा, या अपना भी मिटायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरा खामोश सा रहना
तो सब को बोल देगा वह, या खुद से भी छुपायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरे सर को फेराना
तो बिजली बन के कडकेगा, या बादल बन के छायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरा चलना, मेरा फिरना
तो राह में हार बोयेगा, या फिर पलकें बिछायेगा
उसे जब याद आयेगा मेरा मुडकर चले जाना
तो बंद रखेगा दरवाजे या फिर राहें सजायेगा
उसे जब आयेगा मैं कैसेट सख्स हूं
तलाक खत्म कर देगा या रसमों राह भरआहेगा.
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