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विधानसभा या सब्‍जी मंडी

कुमार विवेक झारखंड विधानसभा की बजट सत्र शुरू हो रही थी. स्‍पीकर आलमगीर आलम ने सदस्‍यों को बताया कि राज्‍यपाल बस कुछ ही पलों में सदन को संबोधित करने आयेंगे, और शुरू हो गया विपक्षियों का हंगामा. उन्‍होंने राज्‍यपाल के सदन को संबेधित करने के औचित्‍य पर ही सवाल खड़ा कर दिया. शुरू हो गया आरोप-प्रत्‍यारोपों का दौर. स्‍पीकर महोदय शांति की अपील करते रहे पर उनकी सुननेवाला था कौन. खैर जैसे तैसे महामहिम जी ने अपना अभिभाषण शुरू किया सरकार के कार्यों पर चर्चा करनी जैसे ही उन्‍होंने शुरू की विपक्षियों को यह नागवार गुजरा और वे उनके समांनांतर गिनाने लगे सरकार की खामियां. महामहिम बोलते रहे और सदस्‍य उनके अभिभाषण की सुनना तो दूर उसकी धज्ज्यां उड़ाते नजर आये. महाममहिम के भाषण को कुछ सदस्‍यों ने झूठ का पुलिंदा तक करार दे दिया. महामहिम के भाषण के दौरान विधानसभा में जो नजारा देखने को मिला शायद यह विश्‍व के गौरवशाली लोकतंत्र के लिए शर्मनाक हैं. सदन में कार्यवाही की जगह सब्‍जी मंडी की तरह मोल-भाव हो रहा थी. खैर यह तो कुछ भी नहीं. जिस देश में लोकतंत्र के मंदिर में जूतम-पैजार तक हो चुकी है, उस देश के नेता इसे स...

गोरे लोगों का काला इंसाफ

अभिषेक पोद्दार कल ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाज मैथ्‍यु हैडन ने जिस तरह से भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह पर टिप्‍पणी की थी और उस पर जिस तरह से क्रिकेट ऑस्‍ट्रेलिया ने त्‍वरित अपनी प्रतिक्रिया दी और उसपर जल्‍द कार्रवाई करने का आश्‍वासन दिया था उससे सभी क्रिकेट प्रशसंकों को लगने लगा था कि शायद ऑस्‍ट्रेलिया में अभी भी शर्म बाकी है और वह क्रिकेट को क्रिकेट की तरह खेलना चाहती है, लेकिन क्रिकेट ऑस्‍ट्रेलिया ने जो आज फैसला लिया उससे एक बार फिर साबित हो गया है वह न सिर्फ घंमडी है बल्कि विश्‍वासघाती व बेईमान भी है. क्रिकेट ऑस्‍ट्रेलिया ने हैडन को इस मामले में दोषी तो पाया लेकिन उसपर बिना कोई जुर्माना और न ही किसी मैच पर बैन लगाये उसे सिर्फ फटकार लगाकर छोड दिया. अगर हम चार दिन पहले की घटना पर अगर नजर डाले जब इंशात शर्मा ने साइमंडस पर कोई टिप्‍पणी नहीं की थी सिर्फ यही कहा था कि मैं जानता हूं तुम यह बोल नहीं खेल सकते इतनी सी बात पर मैच रेफरी ने उसपर मैच फीस का 15 प्रतिशत जुर्माना लगा दिया था, जबकि बाद में साइमंडस ने भी यह बात कबूली थी कि इंशात ने वैसी कोई टिप्‍पणी नहीं की थी. चलिए एकपल के लिए यह मान लेते ह...

सपने बिखर गये झारखंडियों के

संजय पांडे झारखंड राज्य की स्थापना के सात वर्षों में राज्‍य के विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं हुई, शिलान्यास हुए, परन्तु कहीं भी कोई कार्य प्रारंभ नहीं हो सका। कुर्सी के लिए, आवास के लिए, लालबत्ती के लिए मंत्रिमंडल में नित्य मारामारी हो रही है। किसे फुर्सत है, झारखंड का विकास करने की, झारखंडियों की सुख-सुविधा का। आज हम झारखंड स्थापना के और राजग सरकार के चार वर्ष के उपलब्धियों का लेखा-जोखा करते हैं तो एक बेबसी ही हाथ लगती है। सपने जो देखे गये वे साकार नहीं हो सके। विकास के जादुई आंकड़े फाइलों में दम तोड़ रहे हैं। राज्य में बेइमानी, भ्रष्टाचार, लूट, बेरोजगारी, उग्रवाद सुरसा की भांति मुंह बाये आज भी खड़ा है। घोषणाओं और शिलालेखों से झारखंड की इंच-इंच धरती फट गयी है, लेकिन यहां के सूखे, खेतों में पानी नहीं पटाया जा सका है। अपनी सुविधा के लिए मंत्रियों व विधायकों को जनहित के नाम पर भूखंड उपलब्ध कराने की कवायद हो रही है लेकिन भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध नहीं हो पा रही है। मंत्री कुछ सिखने व जानने के लिए विदेश जाने का तिकड़म लड़ा रहे हैं लेकिन किसी होनहार छात्र या छात्राओं को सरकार...

प्‍यार में हारे एक पूर्व प्रेमी का खत

डीयर डिंपू, तुमने डेढ बरस तक जो मुझसे प्‍यार किया, उसका शुक्रिया. आशा है, पत्र मिलने तक तुमने नया प्रेमी पकड लिया होगा. उसके साथ अब डेटिंग पर भी जा रही होगी. हर प्रेमी को बहुत स्‍ट्रगल करना पडता है. मैं भी स्‍ट्रगल कर रहा हूं. प्‍यार के ढाई आखर कमबख्‍त बडे मुश्किल से पकड में आते हैं. मैंने भी तुम्‍हें मिस करने के बाद मुहल्‍ले की ही शीनो पर लंगर डालना शुरू कर दिया है. प्रेम का मेरा यह चौथा प्रयास है. लेकिन इस प्रयासों ने मुझे एक सीख दी है. डिंपू, तुम तो जानती हो कि प्रेम शुरू करते ही कमबख्‍त लव लेटर लिखने पडते हैं. पता है न, मैंने तुम्‍हें कितने पत्र लिखे. पहले के दो प्रेम प्रकरणों में भी लेटरबाजी करनी पडी. बडा झंझट है प्रेम मार्ग में. इसीलिए तुम मरे समस्‍त प्रेम पत्र लौटा देना. तुम्‍हें लिखे उन प्रेम पत्रों पर सफेदा पोतकर डिंपू की जगह शीनो लिख दूंगा. इससे मेरी मेहनत बच जायेगी. प्‍लीज, मेरे पत्र लौटा देना, क्‍योंकि उनकी फोटो कॉपी भी मेरे पास नहीं है. डिंपू तुम मेरी वह फोटो भी वापस कर देना. तुम तो जानती हो कि वही एकमात्र फोटो ऐसी है, जिसमें मैं ठीक-ठाक दिखता हूं. वह मेरे पहले प्‍यार वाले...

चौबीस घंटे की तैयारी, तीन घंटे में ड्रामा खत्‍म

सचिन गुप्‍ता बुधवार को राज ठाकरे की गिरफ्तारी और उसके बाद तीन घंटे में रिहाई ने भारतीय राजनीति को झकझोरकर रख दिया. देश को क्षेत्रवाद की राजनीति में बांटने के बयान देकर महाराष्‍ट्र में जो हालात बने, हिंसा का दौर चला, उत्‍तर पूर्वी भारतीयों को खदेडा गया उसने बदलती राजन‍ीति और निजी स्‍वार्थों की ऐसी तसवीर पेश की जिसे देश की अखंडता के लिए खतरे का संकेत माना जा सकता है. सबसे गौर करने वाला पहलू यह रहा कि जिस प्रदेश में लोगों को सरे आम पीटा गया, उन्‍हें दौडाया गया, उनके सामान व वाहनों को क्षतिग्रस्‍त कर दिया गया इतना सब होने के बाद भी राज्‍य सरकार के कान पर जूं तक न रेंगी. तीन दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं, पुलिस में शिकायत करने पर खाकी पहने हुक्‍ममरानों ने जान बचाकर घर भाग जाने की हिदायतें तक दे दीं. सभ्‍य, स‍हभागिता और विकसित होने का दंभ भरने वाले मराठियों ने ये खेल किस बिनाह पर खेला यह सवाल इतिहास बार-बार दोहरायेगा. मनसे तो योजनापूर्ण ढंग से राजनीति कर रही थी, जिसमें वह पूर्णत सफल रहे हैं. कुछ दशक पहले कुछ इसी प्रकार का राग शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ने भी अलापा था जिसके बाद महाराष्‍ट्र से दक्...

Meaning of Valentine

Harsha Sinha Roses, hearts, candies in the month of February reminds of just one thing, the most romantic day of the month or the entire year, "Valentine's Day"। Cupid strikes the arrow and transfixes the hearts of youth and maidens. The gift shops are a sight to be seen as they are flooded with loadsss of sweet and cute gifts. The day is to cherish any kind of love. Though there are many controversies regarding this day in India as many consider it against our culture but I feel that when our culture considers love to be divine and pure then why not dedicate a day to celebrate it. Its not that love which is something as deep as sea be cuckooned in a small shell but when everyone's life is so busy, I do think that this day is a perfect way to express and celebrate love. (Student in Media studies at Patna University)