आज फिर कई दिनों बाद मेरी बात उस दोस्त से हुई जिसकी कुछ कविताएं मैं आपको पहले भी पढाता आया हूं हालांकि आज भी बात के क्रम में मैंने उसका नाम इस पोस्ट में डालने की आज्ञा मांगी पर उसने खारिज कर दिया. खैर मुद्दे पर आता हूं आज भी जब मेरी बात हुई पहले की ही तरह हुई और हम जब भी बात करते एक गर्मजोशी से बात करते ऐसा कभी नहीं लगा कि जिससे मैं बात कर रहा हूं उससे आज तक मिला नहीं हूं आज भी बात करके लगता है कि जैसे कल ही मैं उससे मिला था और कल ही बात हुई थी. चूंकि मैं अखबार में काम करता हूं तो उसने बात की शुरूआत ही ऐसे कि की अभी एक न्यूज है मैंने पूछा कि क्या मैंने सोचा इंदौर में भी कोई हादसा हो गया क्या, क्योंकि हमें तो सिर्फ सभी जगहों पर खबर ही दिखती है पर उसने कहा दोस्त मैं शादी कर रही हूं, पता नहीं एक अजब सी खुशी मेरे जेहन में उतर गई जिसका आभास मुझे उससे बात करने के बाद हुआ. उसके बाद मैंने उससे पूरी कहानी पूछी जैसा सभी पूछते हैं उसने भी बडी सादगी से उसका जवाब दिया. पर जो जवाब दिया उसने मेरे दिल में एक अजब सी उलझन में डाल दिया, मैं आज तक सोचता था कि प्यार व्यार कुछ नहीं होता सिर्फ चंद दि...
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