कोलकाता के एक नर्सिन्ग होम के डॉक्टरों ने डेढ़ महीने के बच्चे के पेट से भ्रूण निकाला है। डेढ़ महीने का जुनैद आलम पेट की लगातार बढ़ती सूजन की वजह से ढंग से सांस भी नहीं ले पा रहा था। किसी को पता भी नहीं था कि उसकी इस परेशानी की वजह उसके पेट में पल रहा उसी का जुड़वां भ्रूण था। चिकित्सा जगत के इस अनोखे घटनाक्रम में जुनैद के पेट से उसके जुड़वा के भ्रूण को एक सफल ऑपरेशन के बाद बाहर निकाल दिया गया। जुनैद का ऑपरेशन करने वाले सर्जन प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने बताया कि झारखंड निवासी आलम को 21 सितंबर को नर्सिन्ग होम में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद उसके पेट में एक बड़े ट्यूमर का पता चला। पहले डॉक्टर को लगा कि यह कैंसर का मामला हो सकता है। जुनैद के पिता की सहमति के बाद 22 सितंबर को उसका ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान ही पता चला कि वह कोई ट्यूमर नहीं, बल्कि एक अविकसित भ्रूण है। डॉक्टरों ने बताया कि भ्रूण के अंदर भ्रूण के पलने की घटना कम ही देखने को मिलती है और उनमें भी एक का ज़िंदा बच जाना तो बहुत ही आश्चर्यजनक है।
Shweta during coverage बिहार की वर्तमान राजनिति पर नयी नज़र के साथ जानी-मानी आजतक पत्रकार बिहारी श्वेता सिंह से खास बातचीत पटना : बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने के बाद गुरुवार को सुबह दोबारा एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया. इस बीच राजधानी पटना में राजनैतिक चर्चाओं का बाजार उफान पर रहा. गुरुवार को अहले सुबह से ही तमाम मीडियाकर्मी राजभवन के बाहर शपथ ग्रहण को कवरेज करने के लिए मौजूद थे. इस इवेंट को कवरेज करने के लिए आजतक टीवी की जानी-मानी पत्रकार श्वेता सिंह भी विशेष रूप से पटना पहुंची थीं. श्वेता स्वयं एक बिहारी हैं और बिहार के वैशाली जिले के महुआ से आतीं हैं. श्वेता लोगों से इस राजनैतिक घमासा न पर जमकर सवाल पूछतीं नज़र आईं. इस दौरान नयी नज़र के ब्लॉगर कुमार विवेक ने बिहार के बदलते घटनाक्रम पर श्वेता सिंह से बातचीत की, इसके मुख्य अंश हम आपसे साझा कर रहे है. ___ सवाल : श्वेता, देश की जानी-मानी पत्रकार होने के नाते बिहार के इस वर्त्तमान राजनैतिक घटनाक्रम को किस रूप में देखती हैं? जवाब : देखिये, एक पत्रका...
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