न्यू यॉर्क : भारत में भ्रष्टाचार कुछ और बढ़ गया है। ट्रांसपैरंसी इंटरनैशनल की 180 देशों की लिस्ट में वह 74 वें पायदान पर है। यह पिछले साल से दो पायदान और नीचे है। पाकिस्तान 140 वें स्थान पर है। इस लिस्ट में उससे ऊपर ईरान (133), लीबिया (134)और नेपाल (135) हैं। साल 2007 के वर्ल्डवाइड करप्शन पर्सेप्शन इंडेक्स (सीपीआई) में भारत और चीन 72वें स्थान पर थे। इस साल चीन भारत से एक स्थान पीछे है। अन्य एशियाई देशों में रूस 145वें, श्रीलंका 96वें और मालदीव 90वें स्थान पर हैं। खास बात यह कि इस इलाके में भूटान में करप्शन काफी कम है। सीपीआई इंडेक्स में उसका स्थान 41वां है। टॉप फाइव में डेनमार्क, फिनलैंड, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और स्वीडन ने जगह बनाई है। सबसे नीचे म्यांमार और सोमालिया को जगह मिली है। अमेरिका पहले की तरह 20वें पायदान पर काबिज है। उसके ठीक ऊपर जर्मनी, आयरलैंड, जापान और फ्रांस हैं। ब्रिटेन 13वें स्थान पर है। उसके ठीक पीछे हॉन्गकॉन्ग है। हमारा सुप्रीम कोर्ट सराहा गया ट्रांसपैरंसी इंटरनैशनल ने अपनी रिपोर्ट में सरकार और राजनीतिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ कोशिशों के लिए सुप्रीम कोर्ट को सराहा है। रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की बड़ाई में कहा गया है कि वह आम और राजनीतिक क्षेत्रों में भ्रष्टाचार को गंभीरता से लेता है। राजनीतिक भ्रष्टाचार सिर्फ धन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वोट पाने के लिए गलत वादे, सहयोगियों और पार्टियों की मदद के लिए कानून से खिलवाड़ जैसी बातें भी इनमें शामिल हैं। कोर्ट अपने फैसलों में भ्रष्टाचार के मुद्दों को भी शामिल करता है। रिपोर्ट में खासकर संविधान की नौवीं अनुसूची में रखे गए 300 से ज्यादा कानूनों को भी कोर्ट की समीक्षा में लाने का जिक्र किया गया है। पाकिस्तानी फौज की खिंचाई रिपोर्ट में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और अपने अधिकारियों के लिए जमीन पर कब्जे के लिए पाकिस्तानी फौज की कड़ी आलोचना की गई है। पाकिस्तान के बारे में कहा गया है कि पिछले साल रक्षा मंत्रालय के लेखा विभाग में काम करने वाली आयशा सिद्दिकी की किताब छपने से पहले सेना के नियंत्रण पर अधिक जानकारी नहीं थी। उनके अनुसार, जनरलों के पास 80 लाख 30 हजार डॉलर की संपत्ति है। प्रेजिडेंट परवेज मुशर्रफ ने छह लाख 90 हजार अमेरिकी डॉलर कीमत की सेना की जमीन से एक करोड़ तीन लाख डॉलर की संपत्ति बनाई है। रिपोर्ट में जिक्र है कि कैसे पाकिस्तानी सेना ने जमीन, कंसट्रक्शन, प्रॉपर्टी, मैन्युफैक्चरिंग, फर्टिलाइजर्स, रोड बिल्डिंग, हेल्थ, एजुकेशन, बीमा और बैंकिंग सहित पाकिस्तान की इकॉनमी में अपनी घुसपैठ बनाई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि पाकिस्तानी सेना ने चैरिटेबल फाउंडेशंस के जरिए सिविल में पैठ बनाई है। ये संस्थाएं उपनिवेश काल में रिटायर्ड सैनिकों खासकर अधिकारियों की देखभाल के लिए बनाई गई थीं। इसमें बताया गया है कि फौजी फाउंडेशन सबसे धनी संस्था है जिसका कारोबार 2001 में 50 करोड़ डॉलर था। देश में सबसे ज्यादा जमीन इसी के पास है।
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