अभिषेक आदित्य
२००७ बीत गया २००८ आ गया, सभी ने इसे बहुत ही जिन्दादिली से मनाया और सभी ने ऐसी ही आशा कि थी मगर जो एक अरमान रह गयी वह थी न्यूज़ चेंनेल कि इस बार उन्हें वह मसाला नही मिला जो पिछले साल मिल था, लगभग सभी न्यूज़ चेंनल ने मुम्बई व दिल्ली के सभी पांच सितारा होटलों मैं अपनी नज़रे रखी हुई थी लेकिन अफसोश की बात इसबार उन्हें २००७ जैसा कुछ हाथ नही लगा जिसे वह ५ जन तक भुना सके, इस बार मल्लिका कि जगह बिपासा नाची लेकिन वह भी सतर्क होकर उसने वैसा कोई काम नही किया और ना ही वैसे कोई कपडे पहने जिससे मीडिया वालो को कोई बहाना मिल जाये, पर अगर मीडिया इस बार अपना रुख छोटे नगरी की तरफ करते तो शायद उन्हें कोई सफलता मिलती। जहा ऐसे सीन खुलेआम देखने को मिले। बरहाल मीडिया ने एक मौका खो दिया और पब्लिक ने पुरा मजा ले लिया।
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