सरोज तिवारी
मौका था भारत- आस्ट्रेलिया के साथ ट्रवेंटी-20 का. स्थाना फिरायालाल चौक. वहां एक दुकान में जमी थी युवाओं की भीड. सभी क्रिकेट मैच देखने की तैयारी में थे. वे दोपहर दो बजे से ही टेलीविजन के सामने कुर्सी लगाकर बैठ गये थे. भारत टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. भारत बल्लेबाजी के लिए उतरा. कयास लगाये जा रहे थे कि यह मैच काफी रोमांचक होगा. ओपनिंग के लिए गंभीर व सहवाग उतरे. पहले ही ओवर में सहवाग शून्य पर क्लार्क की गेंद पर रन आउट हो गये. इससे क्रिकेटप्रेमियों को काफी निराशा हुई. इसके बाद भी युवाओं की टोली दिल थाम कर बैठी थी, लेकिन अगले ही ओवर में गौतम गंभीर भी नौ रन बनाकर ब्रेकन की गेंद पर हुप्स को कैच थमा दिया. इसके बाद मैच देख रहे युवाओं की टोली में से एक ने कहा कि लागत हउ अब इ मैचवा भारत हार जइतौ. अब इ मैच में टेस्ट मैच जइसा बोलेला नइ मिलतो कि अंपायर सबन मिल कर गलत आउट दे देले हउ. इ मैच में तो सब प्लेयर अपने से आउट रइले हउ. अब टेस्ट मैच वाला कोई बात नहीं रइले हउ. इसके बाद भी किसी तरह लोग बैठे रहे और क्रिकेट मैच देखते रहे. क्योंकि सभी को मालूम था कि यह इंडिया का क्रिकेट है बीरू. इसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है. क्रिकेट में कुछ भी संभव है. इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों का आना-जाना शुरू हो गया. कोई भी बल्लेबाज पिच पर आकर नहीं ठहरा. काफी निराशा के बाद कप्तान महोदय धोनी जी आये, तो लोगों को उनसे काफी उम्मीदें जगी. क्योंकि जब कोई नहीं चलता है, तो वह चल जाते हैं. लेकिन वे भी आज कुछ अजीबोगरीब हरकत नहीं कर पाये. जिससे दर्शक मजा लेते और भारत का कुछ और बढ जाता. वे पहले मैचों की तरह आये और चले गये. हसी की गैंद पर वे 9 रन बनाकर आउट हो गये वह भी 27 गेंद खेलकर. उसके बाद किसी ने कोई कारनामा नहीं दिखाया. केवल इरफान पठान ही एकलौते ऐसे बल्लेबाज थे, जो काफी देर तक पिच पर जमे रहे. सबसे अधिक रन भी उन्होंने ही बनाया. अंतिम विकेट के रूप में उनका विकेट गिरा इस मैच की सबसे खास बात यह रही कि भारत क्रिकेट के इस छोटे संस्करण में सबसे कम रन बनाने के रिकार्ड से बच गया. यदि वह 73 से कम रन बनाता तो उसकी इज्जत की वाट लग जाती. 73 से कम बनाने पर भारत के नाम पर एक नया रिकार्ड जुड़ जाता, लेकिन वह एक शर्मनाक रिकार्ड होता. क्योंकि 20-20 में सबसे कम रन बनाने का रिकार्ड कीनिया का 73 रन है. इससे कम रन बनाने पर यह रिकार्ड भारत के नाम हो जाता. हालांकि जो भी हो 74 रन बनाने के बाद कम से कम भारतीय टीम अपनी इज्जत बचाने में सफल रहा. हालांकि जैसे पहले ही लग रहा था कि आस्ट्रेलिया यह मैच काफी आसानी से जीत जायेगा. हुआ भी यही, आस्ट्रेलिया यह मैच नौ विकेट से जीत गया और हम हार गये. क्योंकि ये इंडिया का क्रिकेट है... इसलिए हम शान से और आराम से हारे.
मौका था भारत- आस्ट्रेलिया के साथ ट्रवेंटी-20 का. स्थाना फिरायालाल चौक. वहां एक दुकान में जमी थी युवाओं की भीड. सभी क्रिकेट मैच देखने की तैयारी में थे. वे दोपहर दो बजे से ही टेलीविजन के सामने कुर्सी लगाकर बैठ गये थे. भारत टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. भारत बल्लेबाजी के लिए उतरा. कयास लगाये जा रहे थे कि यह मैच काफी रोमांचक होगा. ओपनिंग के लिए गंभीर व सहवाग उतरे. पहले ही ओवर में सहवाग शून्य पर क्लार्क की गेंद पर रन आउट हो गये. इससे क्रिकेटप्रेमियों को काफी निराशा हुई. इसके बाद भी युवाओं की टोली दिल थाम कर बैठी थी, लेकिन अगले ही ओवर में गौतम गंभीर भी नौ रन बनाकर ब्रेकन की गेंद पर हुप्स को कैच थमा दिया. इसके बाद मैच देख रहे युवाओं की टोली में से एक ने कहा कि लागत हउ अब इ मैचवा भारत हार जइतौ. अब इ मैच में टेस्ट मैच जइसा बोलेला नइ मिलतो कि अंपायर सबन मिल कर गलत आउट दे देले हउ. इ मैच में तो सब प्लेयर अपने से आउट रइले हउ. अब टेस्ट मैच वाला कोई बात नहीं रइले हउ. इसके बाद भी किसी तरह लोग बैठे रहे और क्रिकेट मैच देखते रहे. क्योंकि सभी को मालूम था कि यह इंडिया का क्रिकेट है बीरू. इसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है. क्रिकेट में कुछ भी संभव है. इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों का आना-जाना शुरू हो गया. कोई भी बल्लेबाज पिच पर आकर नहीं ठहरा. काफी निराशा के बाद कप्तान महोदय धोनी जी आये, तो लोगों को उनसे काफी उम्मीदें जगी. क्योंकि जब कोई नहीं चलता है, तो वह चल जाते हैं. लेकिन वे भी आज कुछ अजीबोगरीब हरकत नहीं कर पाये. जिससे दर्शक मजा लेते और भारत का कुछ और बढ जाता. वे पहले मैचों की तरह आये और चले गये. हसी की गैंद पर वे 9 रन बनाकर आउट हो गये वह भी 27 गेंद खेलकर. उसके बाद किसी ने कोई कारनामा नहीं दिखाया. केवल इरफान पठान ही एकलौते ऐसे बल्लेबाज थे, जो काफी देर तक पिच पर जमे रहे. सबसे अधिक रन भी उन्होंने ही बनाया. अंतिम विकेट के रूप में उनका विकेट गिरा इस मैच की सबसे खास बात यह रही कि भारत क्रिकेट के इस छोटे संस्करण में सबसे कम रन बनाने के रिकार्ड से बच गया. यदि वह 73 से कम रन बनाता तो उसकी इज्जत की वाट लग जाती. 73 से कम बनाने पर भारत के नाम पर एक नया रिकार्ड जुड़ जाता, लेकिन वह एक शर्मनाक रिकार्ड होता. क्योंकि 20-20 में सबसे कम रन बनाने का रिकार्ड कीनिया का 73 रन है. इससे कम रन बनाने पर यह रिकार्ड भारत के नाम हो जाता. हालांकि जो भी हो 74 रन बनाने के बाद कम से कम भारतीय टीम अपनी इज्जत बचाने में सफल रहा. हालांकि जैसे पहले ही लग रहा था कि आस्ट्रेलिया यह मैच काफी आसानी से जीत जायेगा. हुआ भी यही, आस्ट्रेलिया यह मैच नौ विकेट से जीत गया और हम हार गये. क्योंकि ये इंडिया का क्रिकेट है... इसलिए हम शान से और आराम से हारे.
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