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झारखंड में तेजी से दौड रही है मौत

अभिषेक पोद्दार
झारखंडवासी सावधान हो जायें. क्‍योंकि मौत का चक्‍का आप के पास से गुजर रहा है. जी हां कुछ ऐसे ही चौंकाने वाले हालात बयान कर रहे हैं एड्स पर प्राप्‍त ताजातरीन आंकडे. इससे स्‍पष्‍ट होता हे कि झारखंड में एचआईवी एड्स के रोगियों में आश्‍चर्यजनक ढंग से बढ रही है. एचसीओ नामक गैर सरकारी संगठन द्वारा इस संबंध में जो ताजा रिपोर्ट पेश की गई है उसमें एचआईवी पोजि‍टिव रोगियों की संख्‍या पहले के अपेक्षा काफी अधिक हो गई है. पिछले वर्ष यह आकडा 3865 के आसपास था जो इस वर्ष 5126 के करीब पहुंच गया है. वहीं अब तक 192 लोग इससे काल के गाल में समा चुके हैं. रिपोर्ट में इस बात का उल्‍लेख किया गया है कि इस जानलेवा बिमारी की चपेट में आकर मौत का शिकार बनने वाले लोगों में ज्‍यादातर वे हैं जो रोजगार की तलाश में दूसरे राज्‍यों और विशेषकर दिल्‍ली, मुंबई, लुधियाना आदि शहरों का भ्रमण करते हैं. वहां आसानी से वे सेक्‍स वर्कर्स की ओर आकर्षित हो जाते हैं और इस गंभीर बिमारी को गले लगा अपने राज्‍य की सीमा में ले आते हैं. रिपोर्ट में यह बात भी उभर कर सामने आई है कि इस रोग के शिकार संपन्‍न वर्ग के लोग भी हैं, हालांकि वे इसे छिपाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके कारण स्‍पष्‍ट आकडा प्राप्‍त करने में कठिनाई हो रही है. उल्‍लेखनीय है कि पिछले वर्ष झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा जारी रिपोर्ट में 1794 लोगों के एचआईवी पोजिटिव होने की पुष्टि की गई थी. इनमें 204 बच्‍चे, 634 महिलाएं व 1056 मर्द शामिल थे. साथ ही कुल नौ लोगों की इस बीमारी से मरने का खुलासा किया गया था. लेकिन इस बीमारी पर काम कर रही एचसीओ नामक स्‍वयंसेवी संगठन द्वारा दी गई जानकारी से ऐसा लगता है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है. यूएनएआरडीएम को पिछले वर्ष दी गई रिपोर्ट में देश में करीब 25 लाख लोगों के एचआईवी पोजिटिव होने का अनुमान था. इसके लिए गरीबी, अशिक्षा व स्‍वास्‍थ्‍य जागरूकता की कमी को मुख्‍य कारण के रूप मे दिखाया गया है. झारखंड में इस बीमारी के पांव पसारने में भी इन्‍हीं कारणों को प्रमुखता से गिनाया जा रहा है. राज्‍य के गुमला, सिमडेगा, गिरिडीह, चतरा, बोकारो और हजारीबाग आदि जिलों की लगभग आधी आबादी जो अशिक्षित होने के साथ-साथ गरीब भी है, वहां यह बीमारी ज्‍यादा तेजी से फैल रही है, क्‍योंकि वहां के लोगों में रोजी-रोटी के लिए बाहर जाते हैं. बाहर जाकर वे परिवार से दूर हो सेक्‍स वर्कर्स दलालों के चंगुल में आसानी से फंस जाते हैं. वापसी तभी होती है, जब डेथ वारंट जारी हो जाये.

Comments

navdeeppoonia said…
badhiya likha hai . aise hi likhte rahiye.best of luck.

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