अभिषेक पोद्दार
ऑस्ट्रेलिया को उसी के सरजमीं पर वनडे सीरीज हराने के बाद महेंद्र सिंह धोनी पिछले सप्ताह अपने शहर रांची लौटे. उनके रांची लौटने से पहले ही महेंद्र सिंह धोनी के व्यवहार व सोच में परिवर्तन की बात सभी ने मैच के दौरान की थी, सभी ने कहां कि वह अब गंभीर हो गये हैं और चीजों को अच्छी तरह से समझने लगे हैं तो क्या था यहां भी उसके चाहने वाले और उनके दोस्तों में भी एक उत्सकुता जग गई कि क्या सचमूच हमारा माही अब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रूप में बदल गया है. धोनी जिस दिन रांची लौटे उसी समय से सभी ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया खासकर उनके चाहनेवालों ने जिन्हें लग रहा था सचमूच धोनी बदल गये हैं. लेकिन उस दिन की उनकी गतिविधियों को देखने के बाद (जब धोनी ने आते के साथ ही अपनी बाइक लेकर रांची की सडकों पर धूमने निकल गये) सभी ने यह समझ लिया कि धोनी हो सकता है मैदान के लिए बदल गये हैं लेकिन अपने शहर में आज भी वह उसी तरह से मौज मस्ती करने के लिए तैयार है जैसा वह हर बार करते थे. यह सोच कर लोग अभी सोये ही थे कि अगले सुबह उनकी यह सोच उनका साथ छोडगई धोनी बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के अपने पुराने टीचर के घर खुद उनसे मिलने चले गये, यहीं नहीं वह अपने पडोसियों के घरों में भी जी भरकर समय बिताया. यहां हम आपको बता दें कि पहले धोनी अपने रांची आगमन पर अपना ज्यादा समय अपने दोस्तों, अपने घर या किसी कार्यक्रम में ही बिताते थे. लेकिन इस बार उन्होंने सभी का पूरा आदर सत्कार किया, और जिसकी जो भी इच्छा थी उन्होंने पूरी की एक समय तो ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह कोई भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान है बल्कि यह लग रहा था कि कोई नेता अपने लिये वोट मांगने निकला है. धोनी ने अपने इस प्रवास के दौरान न सिर्फ अपने पुराने टीचर से भेंट किया बल्कि उन सभी जगहों पर गये जिन्होंने उन्हें रांची के माही से पूरे भारत का धोनी बनाया. अपने इस प्रवास के दौरान उन्होंने कई मंदिरों में भी माथा टेका. धोनी ने इन चंद लम्हों में जो इंज्वाई किया और अपने करीबियों एवं चाहनेवालों को समय देकर जो खुशी दी वह काबिलेतारीफ है.
ऑस्ट्रेलिया को उसी के सरजमीं पर वनडे सीरीज हराने के बाद महेंद्र सिंह धोनी पिछले सप्ताह अपने शहर रांची लौटे. उनके रांची लौटने से पहले ही महेंद्र सिंह धोनी के व्यवहार व सोच में परिवर्तन की बात सभी ने मैच के दौरान की थी, सभी ने कहां कि वह अब गंभीर हो गये हैं और चीजों को अच्छी तरह से समझने लगे हैं तो क्या था यहां भी उसके चाहने वाले और उनके दोस्तों में भी एक उत्सकुता जग गई कि क्या सचमूच हमारा माही अब भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के रूप में बदल गया है. धोनी जिस दिन रांची लौटे उसी समय से सभी ने उनकी गतिविधियों पर नजर रखना शुरू कर दिया खासकर उनके चाहनेवालों ने जिन्हें लग रहा था सचमूच धोनी बदल गये हैं. लेकिन उस दिन की उनकी गतिविधियों को देखने के बाद (जब धोनी ने आते के साथ ही अपनी बाइक लेकर रांची की सडकों पर धूमने निकल गये) सभी ने यह समझ लिया कि धोनी हो सकता है मैदान के लिए बदल गये हैं लेकिन अपने शहर में आज भी वह उसी तरह से मौज मस्ती करने के लिए तैयार है जैसा वह हर बार करते थे. यह सोच कर लोग अभी सोये ही थे कि अगले सुबह उनकी यह सोच उनका साथ छोडगई धोनी बिना किसी निर्धारित कार्यक्रम के अपने पुराने टीचर के घर खुद उनसे मिलने चले गये, यहीं नहीं वह अपने पडोसियों के घरों में भी जी भरकर समय बिताया. यहां हम आपको बता दें कि पहले धोनी अपने रांची आगमन पर अपना ज्यादा समय अपने दोस्तों, अपने घर या किसी कार्यक्रम में ही बिताते थे. लेकिन इस बार उन्होंने सभी का पूरा आदर सत्कार किया, और जिसकी जो भी इच्छा थी उन्होंने पूरी की एक समय तो ऐसा लग ही नहीं रहा था कि वह कोई भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान है बल्कि यह लग रहा था कि कोई नेता अपने लिये वोट मांगने निकला है. धोनी ने अपने इस प्रवास के दौरान न सिर्फ अपने पुराने टीचर से भेंट किया बल्कि उन सभी जगहों पर गये जिन्होंने उन्हें रांची के माही से पूरे भारत का धोनी बनाया. अपने इस प्रवास के दौरान उन्होंने कई मंदिरों में भी माथा टेका. धोनी ने इन चंद लम्हों में जो इंज्वाई किया और अपने करीबियों एवं चाहनेवालों को समय देकर जो खुशी दी वह काबिलेतारीफ है.
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