चुस्त कपड़े, हाथ में लैपटॉप, जेब में महंगे से महंगा मोबाईल. यह पहचान है नयी पीढी के कुछ युवा किसानों की, जो अपनी जड़ों की लौटने का मन बना चुके हैं. बेशक, देश के कई क्षेत्रों किसान आज जल्द पैसा कमाने की होड़ में अपनी उपजाऊ भूमि को बेच रहे हों, परंतु नई पीढ़ी के कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने पुश्तैनी व्यवसाय खेती को समाप्त होते देखना कतई नहीं चाहते. नई पीढ़ी के ये युवा किसान आधुनिक भले हों पर तेज गर्मी के मौसम में भी अपनी फसल की देख-रेख के लिए पसीना बहाने से पीछे नहीं हटते। आज पंजाब में एक ‘किल्ला’ (एकड़) जमीन की कीमत भले ही 50 लाख से 5 करोड़ रुपये हो, परंतु अनेक पढ़े-लिखे डिग्रीधारी युवा अपनी जमीन पर जोरों-शोरों से खेती शुरू कर चुके हैं।पांच वर्ष पहले न्यूजीलैंड जाकर वहां के स्थाई नागरिक बनने के बाद वापस लौट आए कुल्तार सिंह ने अपने भाई हरजोध सिंह के साथ खेती-बाड़ी के अतिरिक्त एक ‘विवाह पैलेस’ की भी स्थापना की है। पुणे के सिम्बॉयसिस से कर्मचारी प्रबंधन में स्नातकोत्तर कुल्तार सिंह का कहना है कि, "खेती हमारा पुश्तैनी पेशा है और हम इसे नहीं छोड़ेंगे। दरअसल खेती से जुड़ी समस्याओं और बिजली संकट आदि से जूझना अपने-आप में बहुत चुनौतीपूर्ण काम है।" पंजाब की युवा पीढ़ी के ये किसान अपने रहन-सहन में देश के किसी भी महानगर के युवाओं से कम नहीं दिखते। खेती और अपनी अन्य व्यवसायों के अतिरिक्त राजनीति, शेयर बाजार, नई चमचमाती कारों और अंतर्राष्ट्रीय हॉलीडे पैकेज के बारे में जानकारी एकत्र करना इनके पसंदीदा शौक हैं। शाम की कॉकटेल पार्टियों के दौरान वे इन तमाम सामयिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। चंडीगढ़ के निकट चिनार और कीनू की खेती के साथ फार्म पर्यटन उद्योग में हाथ आजमा रहे हरकीरत अहलुवालिया बताते हैं कि, "खेती हमारा मुख्य काम है लेकिन हमने कुछ नया करने का भी मन बनाया है। हम पर्यटकों को श्रेष्ठ सुविधाएं और लग्जरी उपलब्ध कराएंगे। मेरी कोशिश है कि हमारे यहां रहन-सहन की बेहतरीन व्यवस्था हो।"इन परिवर्तनों से स्पष्ट दिखलाई पड़ता है कि नई पीढ़ी के यह उच्च-शिक्षित किसान केवल एक ही व्यवसाय से संतुष्ट होने वाले नहीं।इसके प्रमुख उदाहरण बागवानी विशेषज्ञ खुशवंत सिंह हैं जो खेती के अतिरिक्त लेखन में भी अपना हाथ आजमा चुके हैं और शीघ्र ही अपनी दूसरी पुस्तक लिखने वाले हैं। वह मानते हैं कि खेती और अपने अन्य व्यवसाय के अतिरिक्त दुनिया भर की खबरों पर लगातार नजर रखनी बहुत जरूरी है। नयी पीढ़ी के इन किसानों के जज्बे को नयी नजर टीम का सलाम.
साभार- जोश 18
साभार- जोश 18
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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने देवासी समाज के शिक्षा संस्थान व छात्रावास के लिए एक करोड़ एक लाख रुपए उपलब्ध कराने की घोषणा की। मुख्यमंत्री के राज्य सरकार की ओर से तीस लाख रुपए देने का ऐलान करने पर नगर सुधार न्यास अध्यक्ष राजेंद्र गहलोत ने पच्चीस लाख, सांसद जसवंतसिंह,विधायक मोहन मेघवाल व संसदीय सचिव जोगाराम पटेल ने अपने कोष से दस-दस लाख रुपए,राजस्व मंत्री रामनारायण डूडी,विधायक सूर्यकांता व्यास ने विधायक कोटे व जिला प्रमुख ने जिला परिषद से पांच-पांच लाख रुपए तथा समाजसेवी धनजी देवासी सरनाउ ने एक लाख रुपए देने की घोषणा की।